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भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे के खिलाफ करोड़ों के मेडिकल कॉलेज हड़पने को लेकर एफआईआर दर्ज,, जसीडीह थाना में हुआ मामला दर्ज।

भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे के खिलाफ करोड़ों के मेडिकल कॉलेज हड़पने को लेकर एफआईआर दर्ज,, जसीडीह थाना में हुआ मामला दर्ज।

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देवघर:– शनिवार को भाजपा प्रत्याशी सह निवर्तमान सांसद निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी अनामिका गौतम सहित अन्य के खिलाफ जसीडीह थाना में एफआईआर दर्ज किया गया है। इनपर जसीडीह थाना क्षेत्र के दर्दमारा बॉर्डर स्थित परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को साजिश के तहत हड़पने व धोखाधड़ी व सहित अन्य सुसंगत धारा 406, 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह एफआईआर बावनबीघा निवासी 56 वर्षीय शिव दत्त शर्मा पिता ज्वाला प्रसाद सिंह ने दर्ज करवाया है।

क्या है पूरा मामला और आरोप

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एफआईआर दर्ज करवाने वाले शिव दत्त शर्मा ने बताया है कि वर्ष 2009 में पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में बैंकों के एक संघ ने जमीन को गिरवी रखने और पीएमसीएच को गिरवी रखने के बदले मेरे संस्थान, परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए 93 करोड़ रुपये की ऋण राशि मंजूर की गई।भारतीय चिकित्सा परिषद नई दिल्ली ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना और संचालन के लिए अपनी नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये।जिसे मेरा कॉलेज के द्वारा पूरा नहीं कर सका और एमसीआई से अनुमोदन प्राप्त करने में विफल रहा। जिसके कारण पीएमसीएच चालू नहीं हो सका। जिससे मेरे ऋण खाते को गैर-निष्पादित घोषित कर दिया गया। जिससे ऋण खाते को एनपीए घोषित कर दिया गया।बिना मेरी ओर से किसी गलती के बैंक कंसोर्टियम द्वारा समझौते का पालन न करने की बात कही गई। वही जानकारी के बाद गोड्डा के निवर्तमान सांसद निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी अनामिका गौतम बैंको के जरिये दबाब बनाकर पीएमसीएच से संबंधित ऋण खाते को एनपीए घोषित कर नीलामी के जरिए अनामिका गौतम इस संस्थान के मालिक होने की इच्छा व्यक्त की है।इस दौरान निशिकांत दुबे ने यह कहकर मेरा विश्वास जीता कि वह पीएमसीएच के लिए एक साझेदार ढूंढेगा और इसे वित्तीय संकट से उबारेगा। जिसके तहत 24 जून को निशिकांत दुबे ने संपूर्ण दस्तावेज सौंपने की बात कही।जिसके बाद संबंधित खर्चों को लेकर 25 लाख रुपये की मांग की। जिसको लेकर मेरे द्वारा उन्हें 20 लाख रुपये दे दिया। जिसके बाद एक समाचार पत्र में मेरी संपत्ति बिक्री उद्घघोषणा नोटिस प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद दिसंबर के दूसरे सप्ताह में, मुझे पता चला कि, 22 नबंवर 2023 को, बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट नाम से एक नया ट्रस्ट पंजीकृत किया गया है। जिसका मुख्य कार्यालय धवनदीप बिल्डिंग, जंतर मंतर रोड, नई दिल्ली में है। जिसकी मालकिन अनामिका गौतम हैं, जबकि उनके दो बेटे ट्रस्टी हैं। बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के द्वारा डीआरटी पीएनबी ने नीलामी अधिसूचित की है और बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट ने नियमों को ताख पर रख कर 20 दिसंबर को 60 करोड़ रुपये पर नीलामी की अनुमति ले ली। जो की निशिकांत दुबे, अनामिका गौतम और संबंधित लोक सेवकों की मिलीभगत और साजिश का नतीजा था। इसके बाद 26 सितंबर को केंद्रीय जीएसटी के अधिकारियों ने राजबीर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित परिसरों पर छापेमारी की. जिसमें बिमल कुमार अग्रवाल, पुनीत अग्रवाल और बीर कुमार अग्रवाल इस कंपनी के निदेशक हैं. जिसमें अनामिका गौतम, बिमल कुमार अग्रवाल, वैभव अग्रवाल, बीर कुमार अग्रवाल, कनिष्कान्त दुबे, माहिनकान्त दुबे, जूली अग्रवाल, रितु अग्रवाल, देवता कुमार पाण्डेय जो बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के ट्रस्टी व सचिव बन गये। जिसे 29 नबंवर को बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट ने एसबीआई बैंक खाते में ट्रस्ट केवल 15,000 रुपये की ट्रस्ट संपत्ति के साथ खोला गया था।जिसके कुछ समय बाद बिमल कुमार अग्रवाल 1.50 करोड, डीएसआर इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड 26 लाख, डीएसआर इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड

24लाख, शरीन हायर के द्वारा 36 लाख, एमए वित्तीय सेवाएं 30 लाख, बिमल कुमार अग्रवाल

1.45 करोड, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 45 लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 40 लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड 21लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 22लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 26लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 30 लाख, अनामिका गौतम 1.25 करोड, निशिकांत दुबे चेक 1 करोड एवं पुनीत अग्रवाल के द्वारा 2 लाख बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट में जमा की गयी है।

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