रांची झारखंड पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी एवं राज्यसभा सांसद समीर उरांव के द्वारा आदिवासियों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी को लेकर आदिवासी संगठन की ओर से विरोध प्रदर्शन करते हुए रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर पुतला दहन किया गया।
जय आदिवासी केंद्रीय परिषद की ओर से महिला नेत्री निरंजना हेरेंज टोप्पो ने कहा कि बाबूलाल मरांडी एवं समीर उरांव ने आदिवासी समाज को भड़काने और जाति धर्म के नाम पर लड़ाने का प्रयास किया है जिसे लेकर जन जन तक इनके खिलाफ प्रचार किया जाएगा और इनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
साथ ही परिषद के प्रदेश प्रवक्ता हलधर चंदन पाहन ने कहा कि आदिवासी समाज दुनिया के सभी धर्म का सम्मान करता है परंतु बीजेपी नेता और विधायक की ओर से आ रहे बयान का मैं पुरजोर विरोध करता हूं क्योंकि आदिवासी प्रकृति वादी रूढ़ीवादी परंपराओं के अंतर्गत जाने जाते हैं और हम हिंदू नहीं हैं ।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में इनकी अपनी पहचान शेड्यूल ट्राइब के रूप में निहित है साथ ही पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आदिवासियों का अपने क्षेत्रों में प्रशासन अथवा स्वशासन का शक्ति प्राप्त है। परंतु जानबूझकर बाबूलाल मरांडी और समीर उरांव सत्ता और शासन की लोभ लालच से वशीभूत होकर अपनी पार्टी से प्रेरित भाषा बोल रहे हैं। जिससे समाज और पूरे झारखंड वासी आक्रोशित है।
आदिवासी छात्र मोर्चा के आदिवासी नेता अजय टोप्पो ने भी आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी और समीर उरांव ने सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है जिस पर इन दोनों नेताओं के खिलाफ न्यायालय में अवमानना की याचिका दायर की जाएगी और इनको जेल के सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
इस पुतला दहन कार्यक्रम में मुख्य रूप से निरंजना हेरेंज टोप्पो, अजय टोप्पो,चंदन हलदर पाहन, करमा लिंडा, सुरेंद्र पासवान, गीता लकड़ा, संजू मींज, एंजेला टू डू,संध्या लिंडा, श्रीकांत बाड़ा, राजू टोप्पो, मनी लिंडा,मुन्ना मुंडा, आरती मुंडा,रितु मुंडा,सीता पाहन,पूजा खलखो, विनय तिर्की, चिंता तिर्की, सावधानी लिंडा,दशमी खलखो, सुमन लिंडा ,चंद्र सुरेन,विश्वासी सुरिन,कुसुम मुंडा,दीप्ति तिर्की, मुक्ता मुंडा ,सोनी लकड़ा,सहित सैकड़ों की भारी संख्या में महिला पुरुष युवा युवती छात्र-छात्राएं शामिल थे।