धनबाद: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन कारण सकारात्मक नहीं है। धनबाद के बाघमारा क्षेत्र की महिलाएं पिछले छह महीने से योजना का लाभ पाने के लिए प्रखंड अंचल का चक्कर काट रही हैं, फिर भी अब तक उन्हें एक भी किस्त नहीं मिली है।
नाराजगी और आंदोलन की तैयारी
महिलाओं ने बताया कि उन्होंने योजना के तहत आवेदन करने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी की थीं, जिसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से आवेदन शामिल हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों और साइबर कैफे से आवेदन जमा करने के बाद भी उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
दूसरी ओर, कुछ लाभुकों को योजना के तहत चौथी किस्त तक मिल चुकी है। महिलाओं का आरोप है कि उनके आवेदन के साथ लापरवाही की गई है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला तो वे प्रखंड अंचल कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करेंगी।
ग्रामीण बनाम शहरी क्षेत्र की दिक्कत
बाघमारा के सीओ बालकिशोर महतो ने बताया कि योजना के तहत कई निगम क्षेत्र की महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्र का पता भरकर आवेदन जमा किया है, जिससे वास्तविक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को दिक्कत हो रही है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं को हल कर जल्द से जल्द योजना का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
सरकार की योजना और वितरण
हेमंत सोरेन सरकार ने इस योजना के तहत 6 जनवरी को 56 लाख 61 हजार 791 लाभुकों को कुल 1415 करोड़ 44 लाख 77 हजार रुपये का वितरण किया। साथ ही, 15 जनवरी तक लाभुकों को 2500 रुपये की अगली किस्त देने की घोषणा की गई है।
महिलाओं का आरोप
बाघमारा की महिलाओं का कहना है कि चुनाव के समय वादे किए गए थे कि सभी को मंईयां सम्मान योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन अभी तक उन्हें इससे वंचित रखा गया है। महिलाओं ने बीडीओ और सीओ से शिकायत की थी, लेकिन अब तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
आंदोलन की चेतावनी
महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला तो वे प्रखंड अंचल कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगी और बड़ा आंदोलन करेंगी।