बहराइच: भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिशों की आशंका के बीच सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, दो दर्जन से अधिक संदिग्ध घुसपैठिए नेपाल पहुंच चुके हैं और अब खुली सीमा का फायदा उठाकर भारत में घुसने की योजना बना रहे हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव में आई अस्थायी शांति के दौरान इन लोगों ने नेपाल में प्रवेश किया, ऐसी जानकारी सामने आई है।
सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 42वीं बटालियन के कमांडेंट गंगा सिंह उदावत ने बुधवार शाम इन रिपोर्टों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा,
“SSB मुख्यालय से प्राप्त विशेष खुफिया इनपुट के अनुसार, लगभग 35-37 पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिक नेपाल में प्रवेश कर चुके हैं, और वे भारत-नेपाल खुली सीमा के जरिए भारत में घुसने का प्रयास करेंगे।”
चौकसी और सुरक्षा प्रबंध:
कमांडेंट उदावत ने बताया कि SSB की टीमें 24×7 अलर्ट मोड में हैं और घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए निरंतर गश्त और जांच अभियान चला रही हैं।
सीमा से लगे सड़क मार्गों, जंगलों और गांवों में लगातार पैदल और वाहनों से पेट्रोलिंग की जा रही है।
चेकपोस्ट्स की संख्या बढ़ा दी गई है, जहां सिर्फ भारतीय और नेपाली नागरिकों की पहचान सत्यापित कर उन्हें पार जाने की अनुमति दी जा रही है।
सीमा का भूगोल और संवेदनशील क्षेत्र:
भारत-नेपाल सीमा लगभग 1,750 किलोमीटर लंबी है और यह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल जैसे पांच राज्यों से लगती है।
उत्तर प्रदेश अकेले नेपाल के साथ लगभग 579 किलोमीटर सीमा साझा करता है, जिसमें पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जिले शामिल हैं।
बहराइच जिला इस संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां की सीमा का लगभग 100 किलोमीटर हिस्सा कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से सटा हुआ है, जो घनी वनस्पति वाला क्षेत्र है और सुरक्षा की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है।
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