मुंबई । मुंबई में कार्यालयीन कामकाज में बदलाव कर आम नागरिकों के लिए लोकल सेवा शुरू करने का निर्देश शुक्रवार को बाॅम्बे हाईकोर्ट ने दिया है। न्यायमूर्ति दीपाकंर दत्ता और गिरीश कुलकर्णी ने इस मामले की सुनवाई 19 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार बार कौंसिल आफ महाराष्ट्र एंड गोवा की ओर से वकील मिलिंद साठे व वकील उदय वारुंजीकर ने लॉकडाउन में लोकल ट्रेन में यात्रा के लिए वकीलों को छूट दिए जाने संबंधी याचिका दायर किया है। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को हाईकोर्ट में हो रही थी। राज्य सरकार की ओर महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि कोरोना की वजह से राज्य में लॉकडाउन जारी है। इस दौरान सिर्फ अत्यावश्यक सेवा के लिए लोकल ट्रेन शुरू की गई है। लेकिन लोकल में सफर करने वाले अधिकांश यात्री मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। अगर सभी नागरिकों के लिए लोकल शुरु की गई तो ट्रेन में भीड़ बढ़ेगी और कोरोना पर नियंत्रण नहीं लगाया जा सकेगा। कुंभकोणी ने कहा कि मुंबई में लोकल ट्रेन की भीड़ कम करने के लिए कार्यालयीन कामकाज का समय बदला जाना आवश्यक है। इस संबंध में केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक है। हाईकोर्ट ने कहा कि दिसंबर -जनवरी में कोरोना संक्रमण बढऩे की संभावना जताई जा रही है। इसलिए लोकल ट्रेन में भीड़ नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार को कार्यालयीन कामकाज के समय का बदलाव करना भी जरूरी है। राज्य सरकार को इस दिशा में प्रयत्न करना चाहिए। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 19 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है ।