महागठबंधन का साथ छोड़ने वाले उपेन्द्र कुशवाहा को एनडीए भी नहीं दे रहा भाव

भूपेन्द्र यादव ने दिया पांच सीट का ऑफर

उज्ज्वल दुनिया\पटना । महागठबंधन का साथ छोड़ने के बाद आरएलएसपी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा मंझधार में फंस गए हैं । नीतीश कुमार ने उनके लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा है । हालांकि उपेन्द्र कुशवाहा ने मीडिया में बयान भी दिया कि उनकी नीतीश कुमार से कोई दुश्मनी नहीं है । लेकिन इस बयान के बावजूद नीतीश कुमार का दिल नहीं पिघला । 

उपेन्द्र कुशवाहा ने भूपेन्द्र यादव से की मुलाकात 

नीतीश कुमार की बेरुखी के बाद उपेन्द्र कुशवाहा भाजपा के पास पहुंचे । उन्होंने भूपेन्द्र यादव से मुलाकात की । सूत्रों की मानें तो भूपेन्द्र यादव ने उन्हें पांच सीट का ऑफर दिया है लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा को इतनी कम सीटें मंजूर नहीं है । 

कुशवाहा के प्रति आरजेडी के सुर बदले

आरएलएसपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया था उसके बाद शुक्रवार को दिनभर आरजेडी के प्रवक्ता उन्हें कोसते देखे गए। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने यहां तक कह दिया कि जिन लोगों को एनडीए में दुत्कारा गया, उन्हें आरजेडी ने सम्मान दिया। लेकिन आज वही लोग तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। मृत्युंजय तिवारी ने ये भी कहा कि जिस पार्टी के पास ना संगठन है, ना पर्याप्त प्रत्याशी है वह भी अगर अलग जाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। 

तेजस्वी को लेकर क्या कहा उपेंद्र कुशवाहा ने

गुरुवार को आरएलएसपी के नेताओं को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि सभी लोग अगर मजबूती के साथ होते तो आरजेडी जिस नेता को खड़ा करती उसके पीछे रहकर बिहार में परिवर्तन करना संभव था। आज भी सीट शेयरिंग का मामला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं है, एक-दो साथी हमारे छूटेंगे, हमारे मन में था हम उन्हें समझा लेंगे। क्योंकि एक-दो साथी का सवाल नहीं है बिहार का सवाल है। बिहार की जनता चाहती है कि नेतृत्व ऐसा हो जो नीतीश कुमार के सामने ठीक से खड़ा हो सके। तब बिहार के लोग साथ देंगे। इतनी आकांक्षा, अपेक्षा जरूरी थी। लोग चाहे जो भी सोचें, लेकिन आज भी हमारे मन में है कि राष्ट्रीय जनता दल अगर तय करे कि हम अपना नेतृत्व बदल देंगे तो उपेंद्र कुशवाहा आज भी अपने लोगों को समझा लेगा।

 कुल मिलाकर देखें तो उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदा हालत ‘धोबी का गदहा ना घर का ना घाट का’ वाली कहावत जैसी हालत हो गई है। 

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