– देश के मिसाइल जखीरे में और इजाफा, सुखोई लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण
– अब वायुसेना को दुश्मन के सिग्नल और रेडिएशन को नष्ट करने में होगी आसानी
उज्ज्वल दुनिया/नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। भारत ने स्वदेशी मिसाइलों के ताबड़तोड़ सफल परीक्षणों के क्रम में शुक्रवार को एंटी रेडिएशन मिसाइल ’रुद्रम’ का पूर्वी तट से दूर सुखोई-30 लड़ाकू विमान से परीक्षण किया जो पूरी तरह सफल रहा। इसकी मारक क्षमता 200 किमी. दूर तक और इसकी लॉन्च गति मैक 0.6 यानी ध्वनि की गति से दोगुनी है। भारत में बनाई गई ये ऐसी पहली मिसाइल है, जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। यह मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़कर अपनी रडार में लाकर नष्ट कर सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परीक्षण की सफलता के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है।
भारत में बनाई गई ये अपने आप की पहली मिसाइल है जिसे किसी भी ऊंचाई से दागा जा सकता है। मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ने में सक्षम है। साथ ही अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है। फिलहाल मिसाइल डेवलेपमेंट ट्रायल में जारी है। ट्रायल पूरा होने के बाद जल्द ही इन्हें सुखोई और स्वदेशी विमान तेजस में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। डीआरडीओ ने अपने बयान में कहा है कि इसके साथ ही देश ने दुश्मन के रडार, संचार साइटों और अन्य आरएफ उत्सर्जक लक्ष्यों को बेअसर करने के लिए लंबी दूरी की हवा से प्रक्षेपित एंटी-रेडिएशन मिसाइल विकसित करने की स्वदेशी क्षमता हासिल कर ली है। इससे भारतीय वायु सेना को लड़ाकू विमानों के लिए सामरिक क्षमता मिलेगी।