Saturday 27th \2024f July 2024 06:17:31 AM
HomeLatest Newsझारखंड लैंड म्यूटेशन बिल गरीब जनता के साथ खिलवाड़

झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल गरीब जनता के साथ खिलवाड़

उज्ज्वल दुनिया/रांची । माण्डर विधायक बंधु तिर्की ने हेमंत सरकार द्वारा लाए गए झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020 का विरोध करते हुए इसे आम जनता के साथ धोखा करार दिया है ।बंधु तिर्की ने कहा कि पता चला है कि आगामी मानसून सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा अगर ऐसा होता है तो इस राज्य के लिए यह बिल काला अध्याय की शुरुआत साबित होगा । 

अपनी ही जमीन से बेदखल हो जाएंगे जमीन मालिक 

बंधु तिर्की ने कहा कि बिहार सरकार ने बिहार लैंड मोटेशन एक्ट 2011 में लागू कर दिया है इसमें म्युटेशन, जमाबंदी रद्द करने और किसानों के खाता पुस्तिका आदि के लिए प्रावधान किया है ।  इसी के तर्ज पर राज्य सरकार ने झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020 बनाने के लिए इससे संबंधित बिल तैयार किया है । बिहार सरकार के इस एक्ट में जमीन के मामले में किसी तरह की गड़बड़ी की स्थिति में आम नागरिक अंचलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने न्यायालय में कंप्लेंट केस दर्ज करने का अधिकार है।  यानि बिहार सरकार ने आम आदमी के अधिकार को सुरक्षित रखा है जबकि झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020 में बिहार के मुकाबले एक अतिरिक्त प्रावधान जोड़कर आम आदमी के अधिकार को समाप्त कर दिया है । इससे झारखंड के आदिवासी, दलित एवं पिछड़े वर्ग के लोग जमीन से बेदखल हो जाएंगे। 

भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए लाया जा रहा है कानून 

विदित हो कि यह सारी जमीन भूमि सुधार अधिनियम 1950 के अंतर्गत नहीं आते हैं और इन पर लगान रशीद अंचल अधिकारी द्वारा निर्गत करने का भी प्रावधान नहीं है ।  वैसे पदाधिकारी जो जमीन के मामले में गड़बड़ी किए हैं और जिन पर जांच चल रही है या जांच की जरूरत है वैसे पदाधिकारी बच जाएंगे और उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकेगी ।

इस प्रस्तावित एक्ट की धारा में किए गए प्रावधान के तहत अब तक कोई अंचलाधिकारी या अन्य अधिकारी द्वारा जमीन से संबंधित मामलों के निपटारे के दौरान किए गए किसी गैर कानूनी कार्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है । कोई न्यायालय इन अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह का सिविल या क्रिमिनल केस नहीं दर्ज कर सकेगा । अगर किसी न्यायालय में किसी अधिकारी के खिलाफ जमीन से संबंधित सिविल या क्रिमिनल मुकदमा चल रहा हो इसे समाप्त कर दिया जाएगा। इस तरह का प्रस्तावित बिल सरकार लाती है तो यह सरकार के लिए आत्मघाती साबित होगा ।

आदिवासी- मूलवासी इस बिल का विरोध करें 

बंधु तिर्की ने कहा कि ऐसे भी पूर्व में भ्रष्ट अंचलाधिकारी, अंचल कर्मी एवं बड़े पदाधिकारियों की मिलीभगत से भूमि संबंधित दस्तावेज में कई फर्जीवाड़े के उदाहरण मिले हैं । प्रमाण के बावजूद ऐसे फर्जीवाड़े से जुड़े राजस्व पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होना जमीन की लूट की खुली छूट देने की तरह है । ऐसे कानून को झारखंड के आदिवासी-मूलवासी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे । इस बिल को सदन में लाने से रोका जा सके इस बिल के विरोध में किसी हद तक जाने में कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा ।

कैबिनेट के सभी मंत्री करें बिल का विरोध 

ज्ञात हो कि पूर्व सरकार के द्वारा इसी से संबंधित रेवेन्यू प्रोटेक्शन लाया गया था परंतु सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के विरोध के कारण कैबिनेट में दो बार प्रस्ताव आने के बावजूद इस पर सहमति नहीं बन पाई । मैं कैबिनेट के तमाम मंत्रियों एवं विधायकगण से आग्रह करूंगा कि इस तरह के प्रस्तावित बिल का पुरजोर विरोध करें ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments