थम नहीं रहा झामुमो में उठा तूफान, कहीं ये सोरेन परिवार के आपस का झगड़ा तो नहीं?
उज्ज्वल दुनिया/रांची । ये सच है कि आज झारखंड मुक्ति मोर्चा पर सीएम हेमंत सोरेन का लगभग कब्जा है । ये भी उतना ही सच है कि मौत से पहले स्वर्गीय दुर्गा सोरेन ही शिबू सोरेन के असली उत्तराधिकारी समझे जाते थे । राजनीति की यह कड़वी सच्चाई है कि दुर्गा सोरेन के निधन के बाद उनकी पत्नी विधायक तो बनीं पर झामुमो के संगठन पर उनका दबदबा कमतर होता गया । कभी दुर्गा सोरेन के विश्वासपात्र समझे जाने वाले लोग आज हेमंत सोरेन से नजदीकी बढ़ाने में लगे हैं । झामुमो के मौजूदा संकट की पृष्ठभूमि शायद यही है ।
जामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक सीता सोरेन ने अपने पति की 52वीं जयंती के मौके पर उन्होंने जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन को पत्र लिखा । जिसमें पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे के ऊपर गंभीर सवाल खड़े किएगए । लेकिन हैरानी की बात है कि झामुमो के मौजूदा शीर्ष नेतृत्व ने उनकी चिट्ठी को लगभग अनसुना कर दिया । गुरुजी दिल्ली में हैं, ऐसे में झामुमो का शीर्ष नेतृत्व अभी कौन है ये कोई पहेली नहीं ।
क्या विनोद पांडे में इतनी हिम्मत है कि बिना ऊपर के इशारे के सोरेन परिवार के किसी सदस्य को बेइज्जत कर सकें
इसका एक लाइन में जवाब है नहीं । अब विनोद पांडे के ऊपर किसका हाथ है इसका अंदाजा लगाया जा रहा है । अब सीता सोरेन की बेटी ने भी ट्वीट कर पार्टी के लोगों को कटघरे में ला खड़ा किया है.सीता सोरेन खुद भी पार्टी की केंद्रीय महासचिव हैं. उनके पत्र लिखने के 18 घंटे के बाद ही उनकी बेटी राजश्री ने भी ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में उन्होंने साफ तौर पर मुख्यमंत्री और जेएमएम के लोगों पर सवाल उठाया है.
सीता सोरेन का ट्वीट
सीता सोरेन ने उठाया सवाल, साजिश हो रही उनके खिलाफसीता सोरेन ने गुरुवार को झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को पत्र लिखकर कहा कि पार्टी को उनके पति और गुरुजी ने सींचकर यहां तक पहुंचाया है लेकिन अब कुछ लोग इसे जेबी संस्था बनाने की मंशा से काम कर रहे हैं, साथ ही जामा विधायक ने सीधे तौर पर पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे पर उंगली उठाई है. इससे पहले सीता सोरेन दुमका और देवघर के बीच सड़कों की खस्ताहाल को लेकर सरकार को घेरती रही हैं.
सीता सोरेन की बेटी ने भी उठाया सवाल
सीता सोरेन के ट्वीट के बाद उनकी बेटी के ट्वीट ने झामुमो सुप्रीमो के परिवार के आंतरिक कलह की तरफ भी इशारा किया है. दुमका विधानसभा क्षेत्र के लिए नवंबर के अंतिम हफ्ते से पहले उपचुनाव होने हैं और उसकी उम्मीदवारी को लेकर बसंत सोरेन का नाम भी चल रहा है. वहीं कुछ हफ्ता पहले जेएमएम के केंद्रीय कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल को भी पार्टी ने किनारा कर दिया, जबकि पिछले दो विधानसभा चुनाव समेत इस बीच हुए लोकसभा चुनाव में केजरीवाल पार्टी के मजबूत स्तंभ माने जाते थे. इतना ही नहीं पूर्ववर्ती सरकार में रसूख रखने वाले झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोपालजी तिवारी को भी मौजूदा सरकार में शुरू में महत्व दिया गया बाद में उन्हें किनारे कर दिया गया.
दुमका दौरा कर सकते हैं सीएम
इन सभी कड़ियों को जोड़ें तो एक नई राजनीतिक बिसात बिछती नजर आ रही है. इस बीच पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अगले कुछ दिनों में दुमका दौरे पर जाने वाले हैं. जिस दौरान वह पार्टी से विधानसभा सीट समेत पूरे संथाल परगना का फीडबैक लेंगे. बता दें कि दुमका लोकसभा सीट पर लगातार चुनाव जीतने वाले शिबू सोरेन 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुनील सोरेन से हार गए थे.