नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को पितातुल्य करार देते हुए कहा कि उनके निधन की कल्पना नहीं कर सकता। केशुभाई के निधन से दुखी और स्तब्ध मोदी ने कहा कि यह अपूरणीय क्षति है, जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को जारी एक भावुक वीडियो संदेश में कहा, ‘केशुभाई के लगभग छह दशक के सार्वजनिक जीवन का एकमात्र लक्ष्य राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र हित था। केशुभाई के साथ 45 साल लंबे जुड़ाव को याद करते हुए मोदी ने कहा कि मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को बहुत कुछ सिखाया। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मैं निरंतर उनके संपर्क में रहा। गुजरात प्रवास के दौरान अकसर उनका आशीर्वाद लेने भी गया।’
मोदी ने कहा, आज देश का, गुजरात की धरती का एक महान सपूत हम सभी से बहुत दूर चला गया है। हम सभी के प्रिय, श्रद्धेय केशुभाई पटेल जी के निधन से मैं दुखी हूं, स्तब्ध हूं। केशुभाई का जाना मेरे लिए किसी पितातुल्य के जाने की तरह है। उनका निधन मेरे लिए ऐसी क्षति है, जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी। करीब छह दशक का सार्वजनिक जीवन और अखंड रूप से एक ही लक्ष्य- राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रहित।
उन्होंने कहा कि केशुभाई एक विराट व्यक्तित्व के धनी थे। एक तरफ व्यवहार में सौम्यता और दूसरी तरफ फैसले लेने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति उनकी बहुत बड़ी खासियत थी। उन्होंने अपने जीवन का प्रतिपल समाज के लिए, समाज के हर वर्ग की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। उनका हर कार्य गुजरात के विकास के लिए रहा, उनका हर फैसला प्रत्येक गुजराती को सशक्त करने के लिए रहा।
मोदी ने कहा कि एक बहुत ही साधारण किसान परिवार से उठकर निकलने वाले हमारे केशुभाई, किसान के, गरीब के दुख-तकलीफों को समझते थे। किसानों का कल्याण उनके लिए सर्वोपरि था। विधायक रहते हुए, सांसद रहते हुए, मंत्री या फिर मुख्यमंत्री रहते हुए केशुभाई ने अपनी योजनाओं में, अपने फैसलों में किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। गांव, गरीब, किसान के जीवन को आसान बनाने के लिए उन्होंने जो काम किया है, राष्ट्रभक्ति और जनभक्ति के जिन आदर्शों को लेकर वो जीवन भर चले, वो पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केशुभाई गुजरात के रंग-रंग और रग-रग से परिचित थे। उन्होंने जनसंघ और भाजपा को गुजरात के हर क्षेत्र में पहुंचाया, हर क्षेत्र में मजबूत किया। मुझे याद है, इमरजेंसी के दिनों में किस तरह केशुभाई ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया, पूरी ताकत लगा दी। उन्होंने कहा कि केशुभाई ने मुझ जैसे अनेकों साधारण कार्यकर्ताओं को बहुत कुछ सिखाया, हमेशा मार्गदर्शन किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मैं निरंतर उनके संपर्क में रहा। गुजरात जाने पर मुझे जब भी अवसर मिला, मैं उनका आशीर्वाद लेने भी गया।
उन्होंने कहा कि अभी कुछ सप्ताह पहले ही, सोमनाथ ट्रस्ट की वर्चुअल बैठक के दौरान भी मेरी उनके साथ बहुत देर तक बातचीत हुई थी और वो बहुत प्रसन्न नजर आ रहे थे। कोरोना के इस काल में मेरी फोन पर भी उनसे कई बार बातचीत हुई थी, मैं उनकी सेहत के बारे में पूछता रहता था। करीब 45 साल का निकट परिचय संगठन हो, संघर्ष हो, व्यवस्था का विषय हो, आज एक साथ अनेक घटनाएं मेरी स्मृति पटल पर आ रही हैं।
मोदी ने कहा कि आज भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता मेरी तरह ही बहुत दुखी है। मेरी संवेदनाएं केशुभाई के परिवार के साथ हैं, उनके शुभचिंतकों के साथ हैं। दुख की इस घड़ी में, मैं उनके परिवार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि केशुभाई को अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।