उज्ज्वल दुनिया/रांची । झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा की पत्नी शीला कुमारी समेत परिवार के अन्य सदस्यों को बड़ी राहत दी है. हाइकोर्ट ने करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपी जेई राम विनोद सिन्हा की पत्नी शीला कुमारी, बेटी पूजा सिन्हा व बेटे राहुल सिन्हा को जमानत की सुविधा प्रदान की है.
गैर जमानतीय वारंट निरस्त
इसके साथ ही अदालत ने निगरानी कोर्ट के गैर जमानतीय वारंट व इश्तेहार के आदेश को निरस्त कर दिया. वहीं अदालत ने इस मामले में एसीबी को नियमानुसार जांच जारी रखने की छूट प्रदान की है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेई राम विनोद सिन्हा पर एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज की थी, जांच के दौरान एसीबी ने उनकी पत्नी, पुत्री और बेटे को भी अभियुक्त बनाया है.
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के द्वारा अदालत को बताया गया कि विनोद सिन्हा व उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ वारंट लेने में सभी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है. इसके बाद अदालत ने गैर जमानतीय वारंट व इश्तेहार के आदेश को निरस्त करते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया.
ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले के आरोपी बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को बीते 18 जून को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया था. वह दो साल से फरार चल रहा था. गौरतलब है की ईडी ने 12 दिसंबर 2018 को 2.79 करोड़ की मनी लांड्रिंग के आरोप में विनोद सिन्हा पर चार्जशीट दाखिल किया था. मालूम हो कि राम विनोद सिन्हा ने खूंटी जिला परिषद में पदस्थापित रहते हुए करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की थी.
18 करोड़ से अधिक रुपये के फर्जीवाड़े का है आरोप
बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा पर खूंटी जिला परिषद की मनरेगा योजना से जुड़े 18 करोड़ 76 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है. एसीबी की जांच में इसकी पुष्टि हुई थी. फर्जीवाड़ा का यह मामला वर्ष 2006 से 2010 के बीच का है.
4.25 करोड़ की संपत्ति जब्त हो चुकी है
ईडी की टीम मनी लांड्रिंग मामले में बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा की 4.25 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है. राम विनोद सिन्हा ने मेसर्स अरुणाचल प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट एंड ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बना कर राशि डिपोजिट की थी.