अकेला ने खुद को बताया था यादवों का सबसे बड़ा नेता
रांची । बरही से कांग्रेस के विधायक उमाशंकर अकेला के रवैये से प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व बेहद नाराज है । उनके खिलाफ़ पार्टी अनुशासन तोड़ने पर कार्रवाई की जाएगी । अकेला ने दावा किया था कि वे कांग्रेस से निर्वाचित विधायकों में यादवों के बीच से एक मात्र विधायक हैं और इस आधार पर मंत्री पद पर उनका दावा बनता है। उनके इस बयान पर प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने स्पष्ट संकेत दिया है कि मामला अनुशासन के दायरे में आएगा।
मीडिया में बयानबाज़ी से कोई मंत्री नहीं बनता
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरावं से जुड़े लोग बताते हैं कि मंत्री बनना है, तो वहां दावेदारी करिए, जहां आवश्यक है। आम लोगों के बीच पार्टी की किरकिरी कराने पर एक्शन लिया जाएगा। कुछ नेताओं पर कार्रवाई बेहद जरूरी हो गया है । ऐसे लोग पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं ।
लगातार विवादों में रहे हैं उमाशंकर अकेला
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उमाशंकर अकेला कांग्रेस में शामिल हुए । चुनाव जीतकर वे विधायक भी बन गए लेकिन उनके बाद वे लगातार पार्टी के लिए सिरदर्द बन गए हैं । कभी कोरोना काल में चेक नाके पर सरकारी अफसर से भिड़ जाते हैं तो कभी फोन पर ठेकेदारी को लेकर विवाद में फंस जाते हैं । अकेला के विधायक प्रतिनिधि खुलेआम ट्रकों से वसूली के लिए बदनाम हैं । हालांकि उमाशंकर अकेला इन सारे विवादों को खुद के खिलाफ साजिश बताकर ख़ारिज कर चुके हैं ।
रामेश्वर उरावं के खिलाफ कांग्रेस नेतृत्व को शिकायत करने वालों में उमाशंकर अकेला भी
कांग्रेस के जो तीन विधायक रामेश्वर उरावं की शिकायत लेकर धीरज साहू की अगुवाई में दिल्ली गये थे उनमें उमाशंकर अकेला भी हैं । रामेश्वर उरावं ही नहीं, उमाशंकर अकेला को सरकार से भी कई शिकायत है ।