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आदिवासी और दलित महिलाओं और बेटियों के साथ बर्बरता बर्दाश नहीं करेगी भाजपा

उज्ज्वल दुनिया/रांची : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में महिलाएं व बेटियां सुरक्षित नहीं है। प्राय प्रतिदिन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी, दलित महिलाओं व बच्चियों के साथ हृदयविदारक, अमानवीय और बर्बरतापूर्वक साथ अत्याचार हो रहा है, बलात्कार हो रहा है। चार वर्ष की बच्चियों से लेकर आश्रम में साध्वी तक सुरक्षित नही है। अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ। झारखंड पुलिस के आंकड़ों की माने तो जनवरी से जुलाई 2020 के बीच है झारखंड में 1033 बच्चियों के साथ दरिंदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी यानी प्रति दिन पांच बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है। इनमें सबसे ज्यादा आदिवासी, दलित बच्चियां हैवानित की शिकार हो रही है। 
जब मुख्यमंत्री अक्षम हो, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति कमजोर हो जाती है। इसका सबसे ज्यादा कुप्रभाव अनुसूचित जाति-जनजाति, दलित, आदिवासी, गरीब, पिछड़ों-वंचितों पर होता है। झारखंड में भी यही हो रहा है। आश्चर्य का विषय है कि मुख्यमंत्री जी के क्षेत्र में बार-बार घटनाएं हो रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। मीडिया में आ रही सूचना के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के विधानसभा क्षेत्र में दो बच्चियों के साथ हैवानियत हुई। अपराधियों पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस मामले में लीपापोती का प्रयास कर रही है। उन्हीं के क्षेत्र में अपनी शिकायत लेकर आयी दलित लड़की के साथ एक थानेदार मारपीट और अभद्र व्यवहार करता है। लेकिन इस मामले में भी खानापूर्ति के अलावा कुछ नहीं हुआ। नाला में पिछले दिनों इलाज नहीं होने के कारण एक आदिवासी महिला अपनी बच्ची के साथ आग में जलकर जान दे देती है। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं । 

रघुवर दास ने कहा कि दूसरे राज्यों में हो रही घटना पर झामुमो-कांग्रेस के नेता तुरंत बयान देकर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन झारखंड की घटना में उनके मुंह से एक शब्द नहीं फूट रहा है। राहुल गांधी जी, प्रियंका वाड्रा जी को राजनीति करनी थी, तो हाथरस में जाकर तसवीरें खिंचाई, लेकिन हमारे समय झारखंड को बदनाम करनेवाले राहुल जी अब दुबक कर बैठ गये हैं। मैं राहुल जी से अपील करता हूं की आईये झारखंड मैं भी आपके साथ चलूंगा। आईये यहां की आदिवासी-दलित बेटियों के साथ दुख बांटने।

 मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी देश के खिलाफ काम करनेवाले नक्सली नेता के प्रति तो सहानुभूति रखते हैं, लेकिन झारखंड की महिलाओं व बच्चियों के प्रति उनकी सहानुभूति नहीं जगती है। 
उन्होंने कहा कि संथाल परगना में अपराधियों का आतंक अब बढ़ता ही जा रहा है। जमीन पर अवैध कब्जा, बालू-पत्थरों की अवैध ढुलाई, हत्या-बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो गयी हैं। रांची, जमशेदपुर, धनबाद, लोहरदगा, लातेहार आदि में दिन दहाड़े हत्या हो रही है। धनबाद में तो सत्ताधारी दल के नेता की ही सरेआम हत्या हो जाती है। राज्य में अपराधी मस्त, पुलिस-प्रशासन पस्त और जनता त्रस्त है। राज्य की जनता त्राहिमाम कर रही है और सरकार कान में तेल डालकर सो रही है। “जब रोम जल रहा था,  तब नीरो बंसी बजा रहा था”, यह कहावत झारखंड पर बिलकुल चरितार्थ हो रही है। भारतीय जनता पार्टी सरकार को चेतावनी देती है कि अपराध पर जल्द से जल्द नियंत्रण करे, वर्ना भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे।

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