कर्नाटक ने अपनी आखिरी नक्सली लक्ष्मी के आत्मसमर्पण के साथ खुद को नक्सल मुक्त राज्य घोषित कर दिया है। रविवार को लक्ष्मी ने उडुपी के उप आयुक्त विद्या कुमारी और पुलिस अधीक्षक अरुण के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण किया। इस ऐतिहासिक कदम के बाद राज्य पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो गया है।
लक्ष्मी आंध्र प्रदेश में छिपी हुई थी और उस पर उडुपी जिले के पुलिस थानों में 2007-2008 से संबंधित तीन मामले दर्ज थे, जिनमें पुलिस के साथ गोलीबारी, हमले और माओवादी साहित्य फैलाने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, वह ‘ए’ श्रेणी की आत्मसमर्पण उम्मीदवार हैं और आत्मसमर्पण पैकेज के तहत 7 लाख रुपये की हकदार हैं।
लक्ष्मी ने आत्मसमर्पण के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अपील ने उन्हें मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गांव में सड़कें, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की।
राज्य समर्पण समिति के श्रीपाल ने बताया कि इस साल अब तक 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। कर्नाटक के नक्सल मुक्त होने के बाद अब छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने पर सरकार का पूरा फोकस है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। नक्सल विरोधी अभियानों के तहत बड़े नक्सली मारे जा रहे हैं, साथ ही सरेंडर और गिरफ्तारियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।