Friday 8th of November 2024 09:49:59 PM
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सेवा सदन अस्पताल तोड़ा गया तो होगा तीव्र विरोध

सेवा सदन अस्पताल तोड़े जाने के खिलाफ आंदोलन की तैयारी
सेवा सदन अस्पताल तोड़े जाने के खिलाफ आंदोलन की तैयारी

रांची । राजधानी रांची के अपर बाजार स्थित नागरमल सेवा सदन अस्पताल को तोड़े जाने के नगर निगम के फैसले पर राजनीतिक बवाल शुरु हो गया है। तमाम विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी ने निगम के आदेश के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने भी सेवा सदन अस्पताल तोड़े जाने के खिलाफ बयान दिए हैं। अब ये मुद्दा राज्य सरकार के गले की हड्डी बनता जा रहा है। अगर अस्पताल टूटा तो इसपर तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है।

सेवा सदन अस्पताल को तोड़े जाने का फरमान समझ से परे- रघुवर दास

पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने सेवा सदन को तोड़ने के संबंधी आदेश पर कहा कि समझ से परे है यह निर्णय। एक ओर प्रभावशाली लोगों को केवल नोटिस जारी कर खानापूर्ति की जा रही है, वहीं दूसरी ओर जनसेवा में जुटे एक अस्पताल को तोड़ने का फरमान सुनाया जा रहा है। नये मरीज लेने पर रोक लगा दी गयी है।

उन्होने कहा कि कोरोना के समय सेवा सदन ने डटकर लोगों की सेवा की और कई लोगों की जान बचाई। इसे तोड़ने का निर्णय पूरी तरह से अव्यवहारिक निर्णय है, इसे तुरंत वापस लेना चाहिए।

गरीबों का ईलाज करने वाले अस्पताल को तोड़ना गलत- बाबूलाल मरांडी

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार इंसानियत के नाते भी सोंचे । राँची के सेवा सदन को तोड़ने के आदेश की ख़बर हैरान करने वाली है। यह अस्पताल 50 से अधिक वर्षों से लोगों की सेवा करते आ रहा है । उसका राँची समेत पूरे राज्य में चिकित्सा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है। इस मामले में नक्शा को रेगुलराइज़ कर जनहित में अस्पताल को राहत देनी चाहिए।

सेवा सदन अस्पताल ने लाखों जिंदगियां बचाई है- संजय सेठ

रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि जब राँची में अस्पताल नहीं थे, नक्शे का प्रावधान नहीं था, तब से इस अस्पताल ने लाखों जिन्दगियाँ बचाई..और आज इसे तोड़ने का फरमान जारी किया गया है। इस सरकार का काम सिर्फ विनाश है, निर्माण नहीं । ये तोड़ सकते हैं, कुछ नया बना नहीं सकते ।

सेवा सदन तोड़ने का आदेश राज्य सरकार का अमानवीय चेहरा – दीपक प्रकाश

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने रांची सेवा सदन अस्पताल के तोड़े जाने के आदेश को अमानवीय और अलोकतांत्रिक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार गरीबों पर अत्याचार कर रहा है। भारी बरसात में गरीबो के घर तोड़े जा रहे ।दूसरी ओर दिन रात गरीबों की सेवा में जुटा शहर का प्रसिद्ध और पुराना अस्पताल तोड़ने का आदेश दिया जा रहा। दीपक प्रकाश ने कहा कि यह अस्पताल सेवा भाव से चलने वाला शहर का अस्पताल है जिसमे लाखों लोग लाभान्वित हुए हैं। कोरोना काल मे सेवा सदन ने गरीबों और जरूरतमंदों की पूरी सेवा की। प्रतिदिन मामूली शुल्क पर यहाँ सैकड़ों मरीजों का चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है। ऐसे में इस अस्पताल को तोड़ने का आदेश देकर राज्य सरकार ने गरीबों से चिकित्सा सुविधा छीनने का आदेश दिया है।

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