संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UN Human Rights Commission) ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन में दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह दी है । अपने ट्वीट में UNHRC ने लिखा है कि शांतिपूर्वक जमा होना और अपनी बातें रखने का अधिकार हर किसी का है, फिर चाहे वो ऑफ़लाइन हो या ऑनलाइन । सरकार को इस अधिकार का सम्मान करना चाहिए । ये जरूरी है कि दोनों पक्ष मानवाधिकारो की रक्षा करते हुए किसी सहमति पर पहुंचे ।
UNHRC के इस ट्वीट में “ऑफ़लाइन” और “ऑनलाइन” पर जोर दिया गया है । हाल के दिनों में हॉलीवुड की हस्तियों और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए हैं । इसके बाद भारत में उनके ट्वीट को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए । UNHRC के ट्वीट को उन हॉलीवुड सेलिब्रेटी के अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में माना जा रहा है ।
भारत में किसान आंदोलन को लेकर अमेरिकी मीडिया का एक बड़ा तबका भारत सरकार पर हमलावर है । वहां नरेन्द्र मोदी की छवि ट्रंप के दोस्त के रुप में प्रचारित की जा रही है । अमेरिकी मीडिया का एक हिस्सा पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का घोर विरोधी माना जाता है । अब वही लोग किसान आंदोलन के बहाने भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं । वे नरेन्द्र मोदी को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की तरह ही घोर दक्षिणपंथी और तानाशाह बता रहे हैं । सीएनएन, वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स लगातार किसान आंदोलन के समर्थन में लेख लिख रहा है । भारत के कुछ पत्रकारों जैसे बरखा दत्त के लेख लगातार इन अखबारों में छप रहे हैं । हॉलीवुड सेलिब्रेटी से संपर्क कर आंदोलन के लिए समर्थन जुटाये जा रहे हैं । अमेरिका के ट्रंप विरोधी वर्ग को लगता है कि ऐसा कर वो ट्रंप के मित्र मोदी को भी सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे ।
अमेरिका, कनाडा और चीन की दिलचस्पी क्यों?
भारत में हो रहे किसान आंदोलन के पीछे मिशनरियों और वामपंथी संगठनों की अहम भूमिका है । मिशनरियों को लगता है कि इस आंदोलन के बहाने वे नरेन्द्र मोदी की सरकार का तख्तापलट कर सकते हैं । इसके लिए अमेरिका, यूरोप और कनाडा से फंड जुटाए जा रहे हैं । वहीं वामपंथी संगठनों ने चीन और पाकिस्तान से संपर्क किया है । दरअसल चीन HUWAI का 5जी भारत में लॉन्च करना चाह रहा था । अमेरिका की ट्रंप सरकार ने HUWAI 5जी को अमेरिका में ये कहते हुए बैन कर दिया था कि ये चीन की मिलिट्री की कंपनी है । अमेरिका में बैन होने के बाद HUWAI अपने 5जी के लिए भारत के विशाल मार्केट पर नजर गड़ाए हुए थी । ठीक इसी वक्त मुकेश अंबानी ने भारत में जियो का 5जी लॉन्च कर दिया । इसके बाद किसान आंदोलन के नेताओं के निशाने पर जियो और उसके टावर आ गए ।