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महाकुंभ भगदड़ के बाद मोक्ष की चर्चा: धर्म की दृष्टि से समझें मोक्ष को

महाकुंभ में हाल ही में हुई भगदड़ के बाद, मोक्ष की अवधारणा पर चर्चा तेज हो गई है। हजारों सालों से लोग महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में गंगा स्नान और अन्य साधनाओं के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति की इच्छा से आते हैं। लेकिन सवाल यह है कि मोक्ष क्या है और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है? आइए जानते हैं धर्म और शास्त्रों के दृष्टिकोण से इस विषय को।

मोक्ष क्या है?

मोक्ष का अर्थ है जन्म और मृत्यु के अनंत चक्र से मुक्ति प्राप्त करना। यह व्यक्ति के जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य है, जहां वह परमात्मा से एकाकार होकर शांति और सुख की प्राप्ति करता है। मोक्ष पाने के लिए व्यक्ति को अपने सभी सांसारिक बंधनों, इच्छाओं और कर्तव्यों से ऊपर उठकर शुद्ध कर्म और साधना की ओर अग्रसर होना पड़ता है।

पवित्र स्थानों का मोक्ष में महत्व

हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि पवित्र स्थलों जैसे गंगा के तट, काशी और प्रयाग में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और वह मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर हो सकता है। शिव पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति बद्रीनाथ, केदारनाथ या मानसरोवर के दर्शन करता है, वह जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो सकता है।

किन लोगों को मिलता है मोक्ष?

मोक्ष केवल सन्यासी या साधु ही नहीं, बल्कि गृहस्थ भी प्राप्त कर सकते हैं। देवी पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति सत्य बोलता है, शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध कर्म करता है, और ईमानदारी से धन कमाता है, वह भी मोक्ष के अधिकारी हो सकता है। इससे यह सिद्ध होता है कि मोक्ष पाने के लिए किसी विशेष जीवनशैली की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि शुद्धता और सही आचरण से इसे प्राप्त किया जा सकता है।

गीता में मोक्ष के मार्ग

भगवद गीता में मोक्ष प्राप्ति के चार प्रमुख मार्ग बताए गए हैं:

  1. कर्मयोग – अपने कर्मों को बिना किसी आसक्ति के करना।
  2. ज्ञानयोग – आत्मा और ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप को जानना।
  3. भक्तियोग – भगवान के प्रति अडिग श्रद्धा और भक्ति।
  4. सांख्ययोग – योग और साधना के माध्यम से आत्मा के असल स्वरूप को पहचानना।

इन चार मार्गों के माध्यम से कोई भी व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।

मोक्ष के लिए सरल उपाय

  • तुलसी पूजा: नियमित रूप से तुलसी की पूजा और भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा रखने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • एकादशी व्रत: एकादशी का व्रत रखने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि मोक्ष के रास्ते भी खुलते हैं।
  • गंगा स्नान: गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
  • हनुमान चालीसा का पाठ: हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की बाधाएं दूर होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस प्रकार, मोक्ष केवल एक दूर का लक्ष्य नहीं है, बल्कि इसे पाने के लिए हमें अपनी दैनिक जीवनशैली में साधना और शुद्ध कर्मों को अपनाना होता है।

 

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