Wednesday 23rd of October 2024 06:08:05 PM
HomeBreaking Newsझारखंड के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, डीसी और एसपी देवघर को...

झारखंड के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, डीसी और एसपी देवघर को लोकसभा की प्रिविलेज कमिटि का नोटिस

12 जनवरी को हाजिर होने का निर्देश

बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दूबे ने अगले बजट सत्र में इस मामले को सदन में उठाने की इजाजत भी मांगी

रांची. गोड्डा से बीजेपी #सांसद डॉ निशिकांत दूबे की शिकायत पर लोकसभा सचिवालय ने झारखंड के मुख्य सचिव एल ख्यांगते, गृह सचिव अविनाश कुमार, डीजीपी अजय कुमार सिंह, डीसी देवघर विशाल सागर और एसपी देवघर अजीत पीटर डूंगडूंग को विशेषाधिकार उल्लंघन का नोटिस जारी किया है. नोटिस में इन सभी आलाधिकारियों को 12 जनवरी की शाम चार बजे नई दिल्ली में संसद की प्रिविलेज कमेटी के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया है. सांसद निशिकांत दूबे को भी उसी दिन समिति के समक्ष केस की जानकारी देनी है. सांसद ने स्पीकर से आगामी बजट सत्र के दौरान इस मामले को सदन में उठाने की इजाजत भी मांगी है, ताकि देश को यह पता चल सके कि एक राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधि के खिलाफ कैसे झूठी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. डॉ दूबे ने सोशल मीडिया एक्स पर यह जानकारी दी. साथ ही यह भी लिखा है कि हेमंत सोरेन के इशारे पर काम करने वाले मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव के अलावा उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक देवघर दिल्ली बुला लिये गए.

मुख्य सचिव,गृह सचिव व उपायुक्त देवघर भी दिल्ली बुलाए गए
मुख्य सचिव,गृह सचिव व उपायुक्त देवघर भी दिल्ली बुलाए गए

दो दिन पहले 8 जनवरी को बीजेपी सांसद #निशिकांतदूबे ने पत्र लिखकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, डीसी और एसपी देवघर के खिलाफ शिकायत की थी. साथ ही इन अधिकारियों के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने, प्रोटोकॉल और विशेषाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए प्रिविलेज लाने का प्रस्ताव दिया था.
बीजेपी सांसद दूबे लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि झारखंड सरकार बेवजह झूठे केसों में फंसाकर सांसद के तौर पर मुझे काम नहीं करने दे रही है. पिछले चार सालों में मेरे ऊपर अभी तक 42 केस दर्ज किए गए हैं. राज्य में झामुमो की सरकार बनते ही भाजपा के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ शर्मनाक नीति शुरू की गयी. मुख्य सचिव सहित सभी जिलों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि भाजपा से संबंधित निर्वाचित प्रतिनिधियों को किसी भी कीमत पर उनके निर्वाचन क्षेत्रों में काम करने की अनुमति नहीं दी जाये. आवश्यक हो तो एफआईआर का सहारा भी लिया जाए.

https://x.com/nishikant_dubey/status/1744670167739887881?s=20
.सांसद डॉ दूबे ने अपने पत्र में स्पीकर का ध्यान हाल की दो घटनाओं की ओर आकर्षित कराया है. कहा है, एक बार जब मैं जरमुंडी की ओर जा रहा था तो सड़क पर बड़ी संख्या में गायों को देखा. ट्रैफिक जाम था. चूंकि, मैं लोकसभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग समिति का अध्यक्ष भी हूं, इसलिए मैंने अधिकारियों से घटना के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की. मुझे बताया गया कि कुछ गो तस्करों को पुलिस और क्षेत्र के लोगों ने पकड़ा है. मैंने भी अपने समर्थकों को प्रशासन मदद करने को कहा, लेकिन मुझे जानकर हैरानी हुई कि बाद में उन्हीं अधिकारियों ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर मुझे और मेरे समर्थकों के नाम से एक प्राथमिकी दर्ज करा दी.

दूसरी घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि #देवघर के टावर चौक पर ट्रैफिक पुलिस गाड़ी चेकिंग के दौरान जबरन बाइक और स्कूटर सवारों की चाबियां छिन रही थीं. पैसे ऐंठे जा रहे थे. पुलिस की इस जबरदस्ती के बारे में आरएसएस के अधिकारी का फोन आया. तत्काल मैं घटनास्थल पर पहुंचा और ट्रैफिक नियम को समझाने की कोशिश की. कहा, जबरन चाबियां लेना कानून के खिलाफ है. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने अपनी गलती स्वीकार ली. बाद में पता चला कि न सिर्फ मेरे खिलाफ, बल्कि #आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गयी है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments