नई दिल्ली: नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जम्मू और कश्मीर हवाई अड्डे पर एक तुर्की निर्मित कामिकाज़े ड्रोन को निष्क्रिय कर देश को एक बड़े खतरे से बचाया। NSG के महानिदेशक भृगु श्रीनिवासन ने यह जानकारी मंगलवार को मानेकशॉ सेंटर में आयोजित 23वें अंतरराष्ट्रीय काउंटर-टेरर सेमिनार के दौरान दी।
सेमिनार का विषय था:
“आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए सहयोग और नवाचार को मजबूत बनाना।”
ऑपरेशन सिंदूर में NSG की भूमिका
श्रीनिवासन ने बताया कि बम निरोधक दस्ते ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 8 किलोग्राम विस्फोटक को निष्क्रिय किया। NSG की एक यूनिट ‘ऑप जोरावर’ नाम से जम्मू-कश्मीर में तैनात है, जो राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर नियमित अभियान चलाती है।
उन्होंने बताया, “हमने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और J&K पुलिस के साथ संयुक्त ट्रेन इंटरवेंशन अभ्यास भी किया। भविष्य में ऐसे अभ्यास और बढ़ाए जाएंगे।”
संवेदनशील ठिकानों की पहचान
NSG ने देशभर में 17 धार्मिक स्थलों, 21 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और 14 अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों का 3D मैपिंग शुरू कर दी है। इसके अलावा, गंगा और ब्रह्मपुत्र पर चलने वाले क्रूज लाइनों की सुरक्षा ऑडिट भी की गई है।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से समझौता
NSG ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा परिचालन रणनीति के लिए MoU (स्मरण पत्र) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद रोधी तंत्र को एकीकृत करना है।
“यह पहली बार है जब देश ने आतंकवाद के खिलाफ एकीकृत, समन्वित प्रतिक्रिया तंत्र की ओर कदम बढ़ाया है,” — भृगु श्रीनिवासन
मानेसर में विशेष प्रशिक्षण केंद्र
मानेसर में 140 करोड़ रुपये की लागत से स्पेशल ऑपरेशन ट्रेनिंग सेंटर बनाया जा रहा है, जहां वर्चुअल रियलिटी तकनीक के जरिए आतंकवाद रोधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। पिछले 8 महीनों में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु आदि राज्यों के 732 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय सहभागिता
सेमिनार में अमेरिका, रूस, जापान, इज़राइल, जर्मनी और इंडोनेशिया समेत कई देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। पांच प्रमुख विषयों पर आधारित इस सेमिनार में ड्रोन खतरों, IED विरोधी तकनीक, और राज्य व NSG की समन्वित SOP पर चर्चा की जा रही है।
ड्रोन और IED के खिलाफ रणनीति
NSG ने कम लागत वाले ड्रोन हमलों और IED ले जाने वाले UAV के खिलाफ भारत-केंद्रित नीतियों को अपनाने की बात कही। इसके तहत देश में एंटी-ड्रोन नवाचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है।