प्रयागराज: महाकुंभ 2025 का शुभारंभ पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ भव्य तरीके से हुआ। सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था, और दोपहर 2 बजे तक 44 घाटों पर डेढ़ करोड़ से अधिक भक्तों ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई। यह आयोजन 144 साल बाद दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है, जो इसे और खास बनाता है।
संगम तक 12 किमी की पैदल यात्रा
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते प्रशासन ने वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी है। भक्त रेलवे स्टेशन और बस अड्डों से 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर संगम तक पहुंच रहे हैं। संगम पर एंट्री के सभी रास्ते श्रद्धालुओं से पटे पड़े हैं।
विदेशी भक्तों की भी मौजूदगी
महाकुंभ में केवल भारत ही नहीं, बल्कि जर्मनी, ब्राजील, रूस जैसे 20 से अधिक देशों से श्रद्धालु पहुंचे हैं। ब्राजील से आए फ्रांसिस्को ने कहा,
“मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की तलाश में हूं। भारत दुनिया का आध्यात्मिक केंद्र है। जय श्रीराम।”
प्रशासन की विशेष तैयारी
सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 60,000 जवानों की तैनाती की गई है। कमांडो और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी विभिन्न जगहों पर तैनात हैं। पुलिसकर्मी स्पीकर के माध्यम से भीड़ को नियंत्रित कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह विशेष व्यवस्था की गई है।
महाकुंभ से जुड़ी दो खास बातें
- स्टीव जॉब्स की पत्नी की भागीदारी: एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी महाकुंभ में पहुंचीं। उन्होंने निरंजनी अखाड़े में अनुष्ठान किया और कल्पवास करने की तैयारी में हैं।
- गूगल का अनूठा फीचर: महाकुंभ की लोकप्रियता को देखते हुए गूगल ने एक खास फीचर लॉन्च किया है। ‘महाकुंभ’ सर्च करते ही स्क्रीन पर वर्चुअल फूलों की बारिश होती है।
कल्पवास की शुरुआत
पहले स्नान के साथ ही श्रद्धालुओं ने 45 दिनों के कल्पवास का भी संकल्प लिया। हर घंटे संगम में करीब 2 लाख लोग स्नान कर रहे हैं।
महाकुंभ 2025 श्रद्धा और आस्था का ऐसा संगम बन चुका है, जहां हर कोने से भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। सुरक्षा और सुविधाओं की पुख्ता तैयारी के बीच यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक समृद्धि को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित कर रहा है।