बरहरवा: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में हर दूसरे दिन नए नए घोटाले सामने आ रहे हैं। जहां जिले के बरहरवा प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा योजना में ऐसी एक भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यह मामला बरहरवा प्रखंड के कालू पंचायत के सिरासीन गांव में बने सिंचाई कूप का है। यहां पर बना सिंचाई कूप का पैराफिट महज 2 साल में ढह गया। उधर कुप का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया था जो इस साल की हुई हल्की बारिश से ही ध्वस्त हो गया। दरअसल बरहरवा प्रखंड के कालू पंचायत के सिरासीन गांव में मनरेगा योजना के तहत मुख्लेसुर रहमान के जमीन के दाग नं 05, जमाबंदी नं 127 पर सिंचाई कूप बनाया गया था। यह कूप हल्की बारिश भी नहीं झेल पाया और पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। सूत्र के मुताबिक सन 2020-21 में कुप निर्माण निर्माण किया गया हो हालांकि योजना बोर्ड के साथ भी छेड़छाड़ किया गया है। उधर इस सिंचाई कूप को 4 लाख 98 हजार रुपये की लागत से तैयार किया गया था। वही ग्रामीणों के अनुसार इस साल हुई हल्की बारिश में कूप का पैराफिट बर्बाद हो गया। जहां ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती गई थी। आगे ग्रामीणों ने बताया कि कार्य के दौरान कूप निर्माण में बंगला भाटा की 2 नंबर ईंटों का इस्तेमाल किया गया था इसके अलावा इसे बनाने के लिए रेत की जगह डस्ट का इस्तेमाल किया गया था जिसके कारण कूप का पैराफिट हल्की बारिश भी झेल नहीं पाया। वही कुप की गहराई भी कम देखी जा रही है जहां कुप को गिलासनुमा आकार दिया गया है जिसे देखने से साफ प्रतीत होता है कि अभियंता एवं संवेदक द्वारा सरकारी पैसों का किस तरह बंदरबांट किया गया हो। वही नाम न छापने के शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि जब कूप निर्माण किया जा रहा था तब भी अभियंता के द्वारा अनियमितता बरती गई थी एवं संवेदक अपने मनमाने तरीके से कार्य करवा रहे थे। इस सिंचाई कुप के धंसने पीछे अभियंता, पंचायत सचिव व रोजगार सेवक की लापरवाही मुख्य है। उधर संवेदक द्वारा अभियंता को चढ़ावा देकर पूर्ण भुगतान ले लिया गया है। खास बात यह है कि इस पंचायत में पिछले 2 सालों में जितना सरकारी योजना बना है सबका अगर तह तक से जांच किया जाए तो कई चौंकाने वाला मामले सामने आएंगे। वही वर्तमान में मिर्जापुर, बरारी व रामनगर पंचायत में बन रही बकरी शेड व सिंचाई कुप निर्माण में घोर अनियमितता बरती जा रही है।
उधर सबसे दिलचस्प बात यह रही कि बिचौलिया द्वारा जमीन मालिक को 25 हजार रुपया का प्रलोभन देकर पुराना डोभा पर पहले सिंचाई कुप बनाया गया।फ़िर हल्का फुल्का खोद कर डोभा का भी बिल निकाल लिया गया जहां एक योजना में डबल घोटाला किया गया है।