जेरूसलम: इज़राइल ने भारत को एक “प्रमुख रणनीतिक सहयोगी” करार देते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध कठिन समय में भी मजबूत बने रहे हैं। गुरुवार को इज़राइली रक्षा मंत्रालय की ओर से यह बयान जारी किया गया, जिसमें भारत के साथ रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और अधिक गहरा करने पर चर्चा की जानकारी दी गई।
इज़राइली रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (रिटा.) अमीर बराम की 22-23 जुलाई को भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मुलाकात हुई। इस दौरान अनुसंधान और विकास (R&D) सहयोग और संयुक्त निर्माण पहलों पर विशेष जोर दिया गया।
बराम ने कहा, “भारत इज़राइल का एक प्रमुख रणनीतिक सहयोगी है, और हमारी साझेदारी ने कठिन परिस्थितियों में भी मजबूती दिखाई है। हालिया सैन्य सफलताएं और साझा सुरक्षा चुनौतियां रक्षा-उद्योग सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक अहम अवसर प्रदान करती हैं।”
बराम ने खाड़ी क्षेत्र की रणनीतिक स्थिति पर भारत को जानकारी दी और इज़राइल के “ऑपरेशन राइजिंग लायन” की उपलब्धियां साझा कीं। यह ऑपरेशन ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने और उसकी मिसाइल क्षमताओं को समाप्त करने के उद्देश्य से चलाया गया था।
बराम ने भारत में रक्षा कंपनियों से भी अलग-अलग मुलाकातें कीं ताकि औद्योगिक सहयोग के नए अवसर तलाशे जा सकें। गुरुवार को वह इज़राइल लौट गए।
भारत के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि दोनों पक्षों ने “दीर्घकालिक दृष्टिकोण” के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने और “रक्षा संबंधों को गहरा करने के लिए एक संस्थागत ढांचा” विकसित करने पर सहमति व्यक्त की है।
दोनों पक्षों ने जुलाई 2024 में हुई संयुक्त कार्य समूह (JWG) की पिछली बैठक के बाद से चल रही रक्षा सहयोग गतिविधियों की भी समीक्षा की। मंत्रालय ने कहा कि इज़राइली रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक की यह यात्रा भारत-इज़राइल रक्षा संबंधों में एक “मील का पत्थर” है और दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को गहराई देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।