महाकुंभ 2025 में एक बाबा की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जो खुद को आईआईटी बॉम्बे से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक बताते हैं। उनका नाम अभय सिंह ग्रेवाल है, और वह अपने ज्ञान और योग के साथ एक नया रास्ता चुन चुके हैं। हालांकि, उनकी जीवन यात्रा किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है।
अभय सिंह की कॉलेज लाइफ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गईं, जिसमें वह दोस्तों के साथ मस्ती करते, पेंटिंग बनाते, और अपने हॉस्टल में खाने की सामग्री तैयार करते नजर आ रहे हैं। उनका प्रोफाइल भी प्रभावशाली है, जिसमें उन्होंने खुद को फोटोग्राफर, रिसर्च असोसिएट, और आईआईटी बॉम्बे से डिजाइनिंग में डिप्लोमा प्राप्त व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि एक ऐसा व्यक्ति, जो तकनीकी क्षेत्र में इतना सक्षम था, उसने अचानक वैराग्य का रास्ता क्यों चुना? इसके जवाब में, उनके पड़ोसी सुभाष बताते हैं कि अभय सिंह एक संपन्न परिवार से हैं और उनके पिताजी वकील हैं। वह अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे, और उनकी जिंदगी अचानक बदल गई।
सुभाष ने बताया कि अभय ने पहले सद्गुरु को फॉलो किया था और फिर एक कोर्स भी किया था। समय के साथ उन्होंने मोह-माया से दूर रहकर सत्य की खोज में अपना जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया। उनका यह परिवर्तन एक दिन का नहीं था, बल्कि यह एक धीरे-धीरे विकसित होने वाला बदलाव था।
इस परिवर्तन को लेकर उनके घरवालों को काफी परेशानियां उठानी पड़ीं, क्योंकि अभय के लिए यह एक बड़ी चुनौती थी। उनके पेरेंट्स अब झज्जर में रहते हैं और वह अपने इकलौते बेटे के वैराग्य लेने पर चिंतित हैं।
अभय सिंह ने अपने वैराग्य के बारे में कहा कि वह मोह-माया से दूर खुश हैं और उन्हें अब परिवार, भाई-बहन की चिंता नहीं है। उनका एकमात्र उद्देश्य खुश रहना है।
महाकुंभ में उनके वायरल होने वाले वीडियो और तस्वीरों के बाद लोग उनकी इस यात्रा को लेकर बहुत चर्चा कर रहे हैं, कुछ लोग इसे प्रेरणादायक मानते हैं, तो कुछ को यह एक अजीब बदलाव लग रहा है। लेकिन अभय के लिए यह सिर्फ एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो उन्हें उनकी असली पहचान से जोड़ती है।