लोहरदगा: नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में लोहरदगा व्यवहार न्यायालय ने दोषी इंदर उरांव को फांसी की सजा सुनाई है। डीजे वन सह पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने यह सजा सुनाते हुए दोषी पर ₹25,000 का जुर्माना भी लगाया।
फैसले की प्रमुख बातें:
- धारा 302 (भारतीय दंड संहिता): दोषी को फांसी की सजा।
- पॉक्सो एक्ट (धारा 6): दोषी को आजीवन कारावास।
- जुर्माना: ₹25,000।
घटना का विवरण:
यह दर्दनाक घटना 24 दिसंबर 2022 को लोहरदगा जिले के बगडू थाना क्षेत्र में हुई थी। लोक अभियोजक मिनी लकड़ा के अनुसार, दोषी इंदर उरांव ने नाबालिग बच्ची को पैसे का लालच देकर सुनसान स्थान पर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पकड़े जाने के डर से उसने बच्ची की हत्या कर शव छुपा दिया।
पुलिस कार्रवाई और केस की जांच:
- मामले का खुलासा: बच्ची की मां ने जब उसे तलाशना शुरू किया, तब घटना का खुलासा हुआ।
- आरोपी की गिरफ्तारी: ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़कर उसकी पिटाई की और पुलिस को सौंप दिया।
- जांच: पुलिस अवर निरीक्षक पंकज कुमार शर्मा ने मामले की जांच की।
अदालती प्रक्रिया और गवाह:
- गवाहियां: इस मामले में कुल 17 लोगों की गवाही दर्ज की गई।
- अदालत का निर्णय: दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
दोषी का आपराधिक इतिहास:
इंदर उरांव इससे पहले भी अपनी दादी की हत्या के मामले में जेल जा चुका है।
न्यायपालिका का संदेश:
यह फैसला न केवल न्यायपालिका की सख्ती का प्रतीक है, बल्कि समाज को एक संदेश भी देता है कि ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।