नई दिल्ली: इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन के “सप्ताह में 90 घंटे काम” वाले बयान पर बहस तेज हो गई है। इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है। हालांकि, इस विवाद के बीच L&T की मानव संसाधन (HR) प्रमुख सोनिका मुरलीधरन ने सुब्रमण्यन का बचाव किया है।
HR हेड का बयान
सोनिका ने लिंक्डइन पर पोस्ट कर कहा कि सुब्रमण्यन की टिप्पणी को संदर्भ से बाहर लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बयान हल्के-फुल्के अंदाज में किया गया था और इसे गलत तरीके से समझा गया।
- संदर्भ के बाहर टिप्पणी: सोनिका ने कहा कि यह टिप्पणी कंपनी की आंतरिक बैठक के दौरान हुई थी। न ही सुब्रमण्यन ने 90 घंटे काम का आदेश दिया और न ही ऐसा कोई सुझाव दिया।
- कर्मचारियों की भलाई पर जोर: HR प्रमुख ने कहा कि सुब्रमण्यन कर्मचारियों की भलाई का ध्यान रखते हैं और उन्हें कंपनी का परिवार मानते हैं।
सुब्रमण्यन का कथित बयान
हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में सुब्रमण्यन ने कर्मचारियों से कहा:
“आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? मुझे अफसोस है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा। अगर मैं रविवार को काम करवा सकूं, तो मुझे और खुशी होगी, क्योंकि मैं खुद रविवार को काम करता हूं।”
सोशल मीडिया पर आलोचना
सुब्रमण्यन के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई।
- 90 घंटे के कार्य सप्ताह की वकालत: लोगों ने इस सुझाव को अव्यावहारिक और कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया।
- कार्य-जीवन संतुलन पर सवाल: कई लोगों ने कार्य-जीवन संतुलन पर जोर देते हुए इस बयान की आलोचना की।
सोनिका मुरलीधरन की टिप्पणी
HR प्रमुख ने लिखा कि सुब्रमण्यन जैसे लीडर कंपनी में सकारात्मक बदलाव और विकास को प्रेरित करते हैं। उनके प्रयासों को सराहना मिलनी चाहिए, न कि आलोचना।
निष्कर्ष
यह विवाद नेतृत्व की व्याख्या और काम के घंटे को लेकर चर्चा को हवा दे रहा है। जहां सुब्रमण्यन के बयान को कई लोग कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील मान रहे हैं, वहीं HR प्रमुख ने इसे गलतफहमी बताया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि L&T इस विवाद से कैसे निपटता है और क्या सुब्रमण्यन इस पर कोई सफाई पेश करते हैं।