वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के इंस्पेक्टर जनरल पॉल मार्टिन को मंगलवार (12 फरवरी) को अचानक बर्खास्त कर दिया। यह फैसला उस रिपोर्ट के ठीक एक दिन बाद आया, जिसमें ट्रंप प्रशासन द्वारा USAID को कमजोर करने के प्रयासों की कड़ी आलोचना की गई थी।
“तुरंत प्रभाव से बर्खास्त!”
व्हाइट हाउस के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ प्रेसिडेंशियल पर्सनेल ट्रेंट मोर्स ने एक ईमेल में मार्टिन को सूचित किया:
“राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की ओर से, मैं आपको सूचित करता हूं कि USAID के इंस्पेक्टर जनरल के रूप में आपकी सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त की जा रही हैं।”
मार्टिन ने जवाब देते हुए लिखा, “यह मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात थी कि मैं अपने सहयोगियों के साथ मिलकर USAID की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर पाया। अपना ख्याल रखें और अपने साथियों का भी।”
ट्रंप की USAID से पुरानी दुश्मनी?
ट्रंप लंबे समय से USAID पर सवाल उठाते रहे हैं, इसे “करदाताओं के पैसे की बर्बादी” बताते हुए बार-बार आलोचना करते रहे हैं। 1961 में जॉन एफ. कैनेडी द्वारा स्थापित यह एजेंसी शीत युद्ध के दौरान सोवियत प्रभाव को रोकने के लिए बनाई गई थी। हालांकि सोवियत संघ के पतन के बाद भी इसकी भूमिका बनी रही, लेकिन आलोचकों का मानना है कि यह एजेंसी वामपंथी एजेंडा को बढ़ावा देती है।
व्हाइट हाउस बनाम USAID: एलन मस्क भी हुए शामिल!
ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ही दिन कई बड़े कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें अंतरराष्ट्रीय खर्चों पर 90 दिनों के लिए रोक शामिल थी। व्हाइट हाउस ने USAID के कुछ प्रोजेक्ट्स को “बेवजह खर्च और भ्रष्टाचार” करार दिया, जिनमें सर्बिया में LGBTQ ग्रुप के लिए $1.5 मिलियन और मिस्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए $6 मिलियन का अनुदान शामिल था।
हालात तब और बिगड़ गए जब एलन मस्क के प्रतिनिधियों को USAID मुख्यालय में संवेदनशील डेटा तक पहुंचने से रोक दिया गया। इसके बाद सुरक्षा अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
अब सवाल उठता है—क्या ट्रंप का अगला कदम USAID को पूरी तरह खत्म करना होगा?