भाजपा ने झारखंड में सर्वे कराया, नतीजे देखकर नेताओं को हुआ हैरानी
रांची, झारखंड — झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक आंतरिक सर्वे कराया है, जिसके परिणाम ने पार्टी नेताओं को चौंका दिया है। भाजपा 52 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है और हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के पार्टी में शामिल होने के बाद पार्टी का उत्साह दोगुना हो गया है।
सर्वे के नतीजों के अनुसार, भाजपा को विधानसभा चुनाव में सफलता की उम्मीद जगी है, जो पार्टी की रणनीति और चुनावी तैयारी को बल दे रही है। पूर्व में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने झारखंड में 60 से अधिक विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की थी, हालांकि विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। फिर भी, भाजपा को लगभग 52 लाख वोट मिले थे। इस बार भाजपा के रणनीतिकार मानते हैं कि विपक्ष में होने के कारण पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़ेगा।
भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्रीय मुद्दों को ध्यान में रखते हुए चुनावी अभियान की रणनीति तय की है। पार्टी का लक्ष्य है कि लोकसभा चुनाव में मिले 82 लाख मतों को विधानसभा चुनाव में भी बढ़ाया जाए।
मुख्य मुद्दे: बांग्लादेशी घुसपैठ और बेरोजगारी
भाजपा ने चुनावी मुद्दों पर अपनी रणनीति स्पष्ट की है। संताल परगना और कोल्हान क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा प्रमुख रहेगा। पार्टी का आरोप है कि इन क्षेत्रों में जनसंख्या में बदलाव हो रहा है और आदिवासी समाज की पहचान खतरे में है। भाजपा के आदिवासी नेता स्थानीय भाषा में लोगों को घुसपैठ के नुकसान के बारे में जानकारी देंगे।
वहीं, पलामू प्रमंडल, रांची और धनबाद जैसे शहरी केंद्रों में बेरोजगारी और उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा में हुई मौत का मुद्दा भी उठाया जाएगा। पार्टी इन मुद्दों को जनता के बीच प्रमुखता से पेश करके चुनावी लाभ की उम्मीद कर रही है।
भाजपा की रणनीति और सर्वे के नतीजे यह संकेत दे रहे हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव में एक मजबूत चुनौती पेश कर सकती है और संभावित रूप से सत्ता में वापसी कर सकती है।