नई दिल्ली: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया, जिससे आतंकवाद पीड़ित परिवारों को एक महत्वपूर्ण न्यायिक आशा मिली है। गुरुवार को दोपहर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उसकी फ्लाइट लैंड हुई, जहां एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया।
राणा को एनआईए मुख्यालय ले जाया गया, जहां मेडिकल जांच के बाद कस्टोडियल रिमांड (न्यायिक हिरासत) के लिए अदालत में पेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, राणा को पहले एनआईए की हिरासत में रखा जाएगा और फिर उसे तिहाड़ जेल और अंततः मुंबई के आर्थर रोड जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है—जहां पहले अज्ञात आतंकवादी अजमल कसाब को भी रखा गया था।
मल्टी-एजेंसी पूछताछ शुरू होगी:
एनआईए के अधिकारियों के अनुसार, राणा से सबसे पहले एजेंसी पूछताछ करेगी और उसके बाद IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो), RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) और अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से पूछताछ करेंगी। एनआईए ने 2009 में गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह केस दर्ज किया था (केस नंबर RC-04/2009/NIA/DLI)।
राणा के खिलाफ आरोप:
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राणा पर हत्या, हत्या की कोशिश, और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप हैं।
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डेविड हेडली (Daood Gilani) का करीबी सहयोगी रहा राणा, हेडली को यात्रा दस्तावेज प्रदान कर हमलों की योजना में सहायता करता था।
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2023 में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ 405 पेज की पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
पृष्ठभूमि:
26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज होटल, ओबेरॉय होटल, और यहूदी केंद्र पर हमले किए थे, जिसमें 166 लोगों की जान गई। यह हमला लगभग 60 घंटे चला और भारत-पाकिस्तान संबंधों को युद्ध के कगार तक पहुंचा दिया था।
राणा का प्रत्यर्पण कैसे हुआ:
राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण का विरोध करने का आखिरी प्रयास यूएस सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद भारत की मल्टी-एजेंसी टीम उसे भारत लेकर आई। गृह मंत्रालय ने नरेंदर मान को इस केस का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है।