प्लांट के काम ठप होने से रोजाना डेढ़ करोड़ का एनटीपीसी को हो रहा घाटा
बनना था दस साल में, हो चुका दो दशक
आठ करोड़ की लागत पहुंचा चौदह हजार करोड़
सिमरिया:-रैयतों के तेवर के कारण तीसरे दिन भी NTPC का कामकाज ठप रहा।दरअसल रैयत जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजा में प्रति एकड़ दस लाख रुपए की बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं। विस्थापितों को NTPC फिल्हाल पंद्रह लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि दे रहा है।मगर रैयत पंद्रह के बजाय 25 लाख रुपए प्रति एकड़ की राशि मांग रहे हैं।
NTPC में काम काज ठप होने की सूचना पाकर सिमरिया एसडीओ सुधीर कुमार दास रैयतों से बात भी की।पर नतीजा सिफर रहा।एसडीओ ने हालांकि रैयतों को भरोसा दिया कि उनकी मांग संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचा दी जाएगी। इधर रैयतों की मांग से ऊर्जा मंत्रालय को अवगत कराने के लिए सांसद सुनील कुमार सिंह और सिमरिया विधायक दिल्ली कूच कर गए हैं। सांसद का कहना है कि रैयतों के हितों का ख्याल रखा जाएगा।
बहरहाल रैयत इतने उग्र हैं कि NTPC के कर्मियों को प्लांट के अंदर दाखिल नहीं होने दे रहे हैं।महिलाएं हसुआ से लै दिखी।जबकि पुरुष हाथों में डंडा लिए हुए थे।अनशनकारी रैयतों की स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मेडिकल टीम भी अनशन स्थल पर समय समय पर पहुंचती रही।अनशनकारियों का ब्लड प्रेशर भी मापा गया।।
इधर NTPC के जीएम असीम गोस्वामी का कहना है कि प्लांट बंद होने से उन्हें रोजाना डेढ़ करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।जितने दिन प्लांट बंद रखा जाएगा, घाटा और बढ़ता जाएगा।बहरहाल रैयतों के तेवर को देखते हुए एनटीपीसी में ठेका का काम करने वाले एजेंसियों के वर्कर अपने अपने घरों की ओर कूच करने लगे हैं।।रिपोर्ट:-गीतांजलि।
भूतपूर्व पीएम अटल बिहारी ने किया था शिलान्यास, आठ हजार करोड़ की आने वाली थी लागत, बढ़ कर हुई चौदह हजार करोड़
दो दशक पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने टंडवा में एनटीपीसी का शिलान्यास किया था।दस वर्षों में इस संयंत्र में बिजली का उत्पादन शुरू हो जाना था।मगर संयत्र की स्थापना और उसमें शुरू होने वाले कामकाज में राजनीति हमेशा हावी रहा।कभी विस्थापितों को लेकर तो कभी ठेका पट्टा को लेकर एनटीपीसी का काम काज हमेशा प्रभावित होता रहा।आलम यह है कि आठ हजार करोड़ की लागत वाले एनटीपीसी संयत्र को अब पूरा करने में चौदह हजार करोड़ रुपए लग रहा है।