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हाथरस केस में पीड़िता की भाभी बनकर प्रियंका गांधी को गले लगाने वाली महिला निकली जबलपुर की डॉक्टर

उज्ज्वल दुनिया/रांची । हाथरस कथित बलात्कार मामले में जिस महिला को पीड़िता की भाभी समझकर प्रियंका गांधी ने गले लगाया दरअसल वो जबलपुर की डॉक्टर राजकुमारी बंसल निकली । इस महिला पर नक्सलियों से संबंध रखने का भी आरोप है । हैरानी की बात है कि राजकुमारीबंसल नाम की इस महिला ने आजतक की चित्रा त्रिपाठी और एबीपी न्यूज़ की प्रतिमा मिश्रा को इंटरव्यू भी दिया । यूपी एसआईटी के खुलासे के बाद महिला फरार है । 

राजकुमारी बंसल ने हाथरस में रहने की बात स्वीकारी

कथित रूप से पीड़िता की भाभी बनकर रहने वाली राजकुमारी बंसल ने हाथरस में चार दिन पीड़िता के घर पर रहने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि वो एक डॉक्टर हैं और फोरेंसिक विशेषज्ञ की हैसियत से पीड़ित परिवार की मदद करने गई थी । 

पीड़िता के परिवार को सीखा रही थी राजकुमारी बंसल- आरोप 

मीडिया रिपोर्ट्स में इस महिला के बारे में दावा किया जा रहा था कि वह पीड़ित परिवारवालों के घर में मृतका की फेक भाभी बन कर रह रही थी। यह भी माना जा रहा है कि यह महिला मीडिया और पीड़ित परिवार से मिलने आ रहे राजनीतिक दलों से क्या और कैसे कहना है, इस बारे में परिजनों को सीखाने का काम करती थी। हाथरस में पीड़िता के घर में ‘नकली भाभी’ बनकर रहने की आरोपित डॉ राजकुमारी बंसल अब लगातार अपने बयान भी बदल रही हैं और पीड़िता की भाभी या बहन होने से भी इंकार कर रही हैं। 

नकली भाभी बनी महिला ने वीडियो जारी कर दी सफाई 

कॉन्ग्रेस समर्थक होने का खुलासा होने के बाद राजकुमारी बंसल का एक वीडियो सामने आया है। राजकुमारी बंसल नाम की इस महिला ने स्वीकार किया है कि वह हाथरस पीड़ित परिवार के बीच गई थी। उन्हें इस वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह फॉरेंसिक एक्सपर्ट हैं और इस सम्बन्ध में ही ‘कुछ मदद’ करने के लिए ही वो हाथरस गई थी।

पहले कहा था ‘बहन हूँ’, अब बदले बयान

राजुकमारी बंसल लगातार बयान भी बदल रही हैं। हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ बैठकर एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में राजकुमारी बंसल ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि वह उनकी बहन हैं जबकि अब नए बयान में उन्होंने कहा है कि उन्होंने कभी भी खुद को परिवार का सदस्य नहीं बताया।

घटना के दो दिन बाद ही पीड़ित परिवार के साथ रहने आ गई थी महिला 

एक निजी चैनल ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि ये महिला सितम्बर 16 से 22 तारीख तक परिवार के साथ रही और इस दौरान अपने नक्सली आकाओं से भी संपर्क में थी ।  हालाँकि अन्य सूत्रों का कहना है कि वो काफी समय से पीड़ित परिवार के साथ रह रही थी। कहा जा रहा है कि वो घटना के दो दिन बाद ही पीड़ित परिवार के साथ रहने आ गई थी।

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