भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री के बयान पर जोरदार हमला करते हुए निंदा की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान भीम राव अम्बेडकर द्वारा बनाये गए संविधान का अपमान किया है। संघीय ढांचा के ऊपर कुठारघात किया है। संविधान की शपथ लेकर भारत की एकात्मता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करने का काम मुख्यमंत्री ने किया है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि झारखंड के पैसे से अपनी जेब भर रहा है केंद्र। मामले में प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दीपक प्रकाश ने इस ब्यान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य दोनों के अपने अपने कर्तव्य है और अधिकार भी है। दोनों एक दूसरे के पुरक हैं। भारत की एकात्मता के कारण ही भारत की पहचान है। इस प्रकार का बयान देकर माननीय मुख्यमंत्री ने ओछी मानसिकता का परिचय दिया है।
अपनी असफलता से आम जनता को भटकाने का है प्रयास।
मुख्यमंत्री के बयान का खंडन करते हुए कहा कि एक राज्य से देश नहीं चलता है। देश के सभी राज्य एक दूसरे के पूरक हैं। कहीं चावल होता है कहीं गेहूं होता है कहीं कोयला पाया जाता है। प्रत्येक राज्य की अपनी अपनी पहचान व योगदान है, यही भारत की ताकत है। मुख्यमंत्री महोदय अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर दोष गढ़ रहे है। जब से सरकार बनी है विकास का एक भी कार्य नहीं हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए अनाज सरकार जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचा पा रही है। आज किसी भी अस्पताल में उचित व्यवस्था नहीं है, निजी अस्पतालों में लूट मची है। राज सरकार के पास इच्छाशक्ति की कमी स्पष्ट दिखाई दे रही है।
खनिज संपदा की तस्करी से हो रहा है राजस्व का नुकसान।
सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में खनिज संपदा की चोरी हो रही है, खनिज संपदा की तस्करी के कारण राज्य के राजस्व में कमी आ रही है। इसे रोकने में सरकार नाकाम हो रही है। खुद सत्ताधारी दल के विधायक आरोप लगा रहे हैं की खनिज संपदा की चोरी हो रही है। सरकार पहले अपने चेहरे को आईने में देखे, सरकार अपनी विफलताओं को केंद्र सरकार के मत्थे फोड़ने के बजाय विकास कार्य में लगे तो राज्य और जनता के लिए बेहतर होगा।