‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने खरीफ फसल की बुआई ज्यादा होने पर किसानों को बधाई दी
नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘मन की बात’ में उन्होंने प्रकृति व पर्व, किसानों की अथक मेहनत से लेकर भारत में खिलौने इंडस्ट्री की आपार संभावनाएं, पोषण माह के बारे में विस्तार से चर्चा की। पीएम मोदी ने किसानों को नमन करते हुए कहा कि इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है। धान की रुपाई इस बार 10 प्रतिशत, दालें लगभग 5 प्रतिशत, मोटे अनाज 3 प्रतिशत, तिलहन 13 प्रतिशत, कपास लगभग 3 प्रतिशत ज्यादा बोई गई है। इसके लिए देश के किसानों को बधाई दी और उनके परिश्रम को नमन किया।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में देश कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। काफी समय से बच्चे भी घरों पर हैं। ऐसे में इनके लिए नए खिलौने बाजार में आने चाहिए। खिलौने हमारी आकांक्षाओं को उड़ान देते हैं, मन बनाते हैं और मकसद गढ़ते भी हैं। उन्होंने कहा कि अकसर अधूरा खिलौना अच्छा होता है, जिसे बच्चे खेल खेल में पूरा करते हैं। खिलौने कैसे होने चाहिए इस पर पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी खेल खेल में शिक्षा पर जोर दिया गया है। लोकल खिलौनों की समृद्ध परंपरा है। देश में खिलौनों के कोरिडोर, कर्नाटक में रामनगरम, आंध्रप्रदेश में कोंडापल्ली, असम में धुबरी, उत्तर प्रदेश में वाराणसी में है। विश्व में खिलौनों का बाजार 7 लाख करोड़ से अधिक का है लेकिन इसमें भारत की हिस्सेदारी काफी कम है।
उन्होंने कहा कि जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परंपरा हो, विविधता हो, युवा हो खिलौने के बाजार में हिस्सेदारी कम है। खिलौने का बाजार काफी बड़ा है। इसे आगे बढ़ाने के लिए देश को मिलकर मेहनत करनी होगी। उन्होंने आंध्रप्रदेश के सीवी राजू का जिक्र करते हुए कहा इस क्षेत्र में स्थानीय खिलौने के गौरव को वापस लाए। स्वर्णिम भविष्य को वापस ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि कंप्युटर गेम्स का भी बहुत ट्रेंड हैं। युवाओं का आहवान करता हुए कहा कि वे भारतीय संस्कृति को भी इस खेल में शामिल करें। आत्मनिर्भर भारत में सबमें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में युवाओं को नए नए आईडिया पर काम करना चाहिए। इसी कड़ी में कई युवाओं ने अच्छे ऐप तैयार किए हैं।
पोषण पर भी रहेगा जोर
पीएम मोदी ने कहा कि देश में सितंबर के महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसा अन्न होता है, वैसा ही मानसिक विकास होता है। पोषण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए जनभागीदारी भी जरूरी है। गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टैच्यू के पास न्यूट्रिशन पार्क बनाया गया है उसे जरूर देखना चाहिए। देश में खान पान में विविधता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है, पोषक तत्व से भरे मोटे अनाज को भी भोजन में शामिल किया जाना चाहिए। अनाज के पोषक तत्व को बताने के मकसद से भारतीय कृषि कोष तैयार किया जा रहा है जिसमें किन राज्यों में क्या पैदा होता है उसमें कितना पोषक तत्व है इसकी जानकारी होगी।
जांबाज डॉग सोफी और विद का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों के सोफी और विदा इंडियन आर्मी के डॉग हैं जिन्हें चीफ ऑफ आर्मी कमांडेट की पदवी मिली है। इन डॉग ने देश की रक्षा करते हुए अपना फर्ज बखूबी निभाया है। ये देश के लिए जीते हैं।
युवाओं का किया आह्वान
पीएम मोदी ने कहा युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में विद्यार्थी अपने क्षेत्र के 75 नायकों पर कविताएं लिखेंगे, नाट्य कथाएं लिखेंगे। इस प्रयास से देश के हजारों ऐसे गुमनाम हीरो को सामने लाया जा सकता है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण दे दिए लेकिन उनके नाम समय के साथ विस्मृत हो गए, ऐसे महान व्यक्तित्तवों को सामने लाना उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। युवाओं को उन शहीदों को याद जरूर करना चाहिए जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। विद्यार्थियों को अपने क्षेत्र के शहीदों के बारे में जानना चाहिए जिससे उनके व्यक्तित्व में भी इसका प्रभाव दिखेगा। इसमें शिक्षक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। शिक्षक बच्चों को इस बारे में रिसर्च करवा सकते हैं। उसे स्कूल के हस्तलिखित अंक के रूप में तैयार किया जा सकता है, इसके साथ स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े किसी भी स्थान पर छात्रों को ले जा सकते हैं।