होलिका दहन क्यो और कैसे, शुभ मुहूर्त
क्या-क्या सहयोग और योग से होगा होलिका दहन-आचार्य केशव जोशी
खरवार के कारण प्राय: रविवार या मंगलवार को सम्मत जलाना शुभ नहीं माना जाता लेकिन इस बार वृद्धि योग व पूर्णिमा तिथि के कारण रविवार को होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त है
वृद्धि योग के कारण सूयोस्त के बाद होलिका दहने के लिए शुभ मुहूर्त है। इस बार ‘मित्र’ नामक औदायिक योग भी बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार 28 मार्च के शाम 06:05 से लेकर रात 12:40 मिनट तक में होलिका दहन के लिए मुहूर्त है। होलिका दहन में इस बार वृद्धि योग है। इसलिए होलिका दहन में बेल का फल, गेहूं की बाली या नया अन्न जरूर होलिका में डालें। इससे धन में वृद्धि और आरोग्यता प्राप्त होगी। दहन के दिन अपने इष्टदेव पूजन के बाद आम्रमंजरी (आम का मोजर) का सेवन जरूर करें।