पलामू निवासी नौसैनिक सूरज कुमार दुबे को चेन्नई से अपहरण करने के बाद पालघर में जिंदा जलाए जाने के मामले की जांच के लिए रक्षा मंत्रालय ने उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है। यह जानकारी पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि नेवी जवान की अपहरण के बाद हत्या मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर सोमवार को उन्होंने नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है। रक्षा मंत्री ने अविलंब मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। साथ ही मामले की जांच को लेकर उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की बात कही।
रक्षा मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में पलामू सांसद ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि सूरज 2 जनवरी को छुट्टी पर अपने घर आए थे। 30 जनवरी को वह पलामू से अपने कार्यस्थल कोयंबटूर जाने के लिए निकले थे। चेन्नई पहुंचने के बाद उन्होंने परिजनों को इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा। बाद में एक फरवरी 2021 को सूरज दुबे के परिजनों ने पलामू के चैनपुर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जांच से मोबाइल नंबर ट्रैक करने पर उनका लास्ट लोकेशन मेट्रो स्टेशन मीनमबक्कम चेन्नई दिखा। वहीं अन्य लोकल इंक्वायरी में पता चला कि श्रीधर नामक टैक्सी ड्राइवर ने सूरज दुबे को एनएसजी कैंप ओटेरी थाना के पास छोड़ा था। इसके तीन दिन बाद महाराष्ट्र के पालघर जिले अंतर्गत वेलजीपाड़ा जंगल में सूरज दुबे लगभग 90 प्रतिशत से ज्यादा जली अवस्था में पाए गए। बाद में मुंबई के नौसेना अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सूरज ने मौत से पूर्व पुलिस को दिए बयान में बताया था कि 30 जनवरी को चेन्नई हवाई अड्डे के बाहर लगभग 11 बजे अज्ञात तीन सशस्त्र लोगों ने सफेद एसयूवी गाड़ी से उन्हें अगवा कर 10 लाख की फिरौती मांगी थी। सूरज ने पैसे देने में असमर्थता जताई। इसके बाद अपहर्ताओं ने तीन दिनों तक उन्हे बंदी बनाकर रखा। इसके बाद जली हुई अवस्था में वे महाराष्ट्र के पालघर स्थित जंगल से में मिले।
अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि चेन्नई से 1500 किलोमीटर दूर वह महाराष्ट्र के पालघर कैसे पहुंच गए और महाराष्ट्र पुलिस ने उनकी खोज में कोई रुचि क्यों नहीं दिखाई। सांसद विष्णु दयाल के अनुसार सूरज दुबे की मौत महाराष्ट्र पुलिस की नाकामी को बयां कर कई संदेह को पैदा करती है। सांसद ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने गृह मंत्री भारत सरकार को भी पत्र लिखा है। इस पत्र में मामले की सीबीआइ या उच्चस्तरीय जांच कर इस दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिलाने की मांग की है।