उज्ज्वल दुनिया \रांची। झारखंड के वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी कौंसिंल की हुई वर्चुअल मीटिंग में हिस्सा लिया। जीएसटी कौंसिंल की बैठक में राज्य सरकार की ओर से अपनी बात रखते हुए डॉ. उरांव ने जीएसटी का बकाया करीब 2500 करोड़ रुपये के साथ ही केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को दी गयी 50 हजार एकड़ भूमि के एवज में बकाया लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चरणबद्ध तरीके से करने की मांग की।
जीएसटी कलेक्शन का 75 फीसदी पहले ही ले चुकी है केंद्र सरकार
डॉ. उरांव ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को बताया कि झारखंड छोटा और गरीब राज्य है।केंद्र सरकार को जीएसटी कंप्लशेसन के रूप में करीब 2500 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान झारखंड को करना है। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में झारखड की स्थिति अच्छी नहीं है, जीएसटी कौंसिल को बकाया भुगतान को लेकर अपनी वचनबद्धता निभानी चाहिए। 14 प्रतिशत ग्रोथ के हिसाब से अनिवार्य रुप से केन्द्र को राज्यों को देना है जो कानूनी बाध्यता भी है। उन्होंने बताया कि जीएसटी कलेक्शन का केंद्र सरकार 75 प्रतिशत पहले ही ले चुकी है । राज्यों के पास राजस्व संग्रहण का कुछ भी नहीं है । झारखंड को भी कलेक्शन में हिस्सा प्रत्येक महीने मिलना चाहिए।
झारखंड ने केंद्र को 50 हजार एकड़ भूमि दी, हमें हमारे हक का पैसा लौटाए केंद्र
वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के लिए झारखंड सरकार की ओर से 50 हजार एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी है,जहां खनन कार्य भी निरंतर हो रहा है, इसके एवज में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, कुछ दिन पहले केंद्रीय कोयला मंत्री झारखंड आये थे और इसके एवज में 250 करोड़ रुपये का भुगतान किये है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। केंद्र सरकार जमीन के एवज में बकाया करीब 45 हजार करोड़ रुपये को चरणबद्ध तरीके से झारखंड को उपलब्ध कराने में मदद करें।