Tuesday 17th of June 2025 11:25:02 AM
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जिला अधिवक्ता संघ चुनाव : कंही हैट्रिक की राह में रोड़ा न बन जायें स्वजातीय उम्मीदवार

गिरिडीह का जिला अधिवक्ता संघ भवन

[राजेश कुमार]

गिरिडीह : ज्यों ज्यों मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है। यंहा चुनावी तपिश परवान चढ़ने लगा है। सभी प्रत्याशी वोटरों को अपने पक्ष में करने की जुगत में दिन रात एक कर दिये हैं। माजरा पूरी तरह सियासती चुनावी दंगल सा दिखने लगा है। कहने को तो यह अधिवक्ता संघ का चुनाव है। गिने चुने वोटर हैं। वोटर भी सब के सब अधिवक्ता ही है। अर्थात यूँ कहें कि डबल ग्रेजुएट लोगों की जमात।

बाबजूद इस चुनाव में जातीय गोलबंदी होती है। जातीय आधार पर ही इस चुनाव का नतीजा सामने आता है। इस चुनाव में भी सियासती दांव पेंच पूरी तरह से हावी रहती है। येन केन प्रकारेण चुनाव में जीत हासिल करने के लिये इन डबल ग्रेजुएटों के बीच भी सियासती चुनाव की तरह हर प्रकार के चुनावी हथकंडे अपनाते दिखाई देते है। यथा साम, दाम, दण्ड, भेद की प्रकिया पूरी तरह से इस अधिवक्ता संघ के चुनाव में हावी दिखती रही है। अब तक के चुनाव में ऐसे हथकंडे के बूते ही चुनावी ध्रुव तारा उगते रहे है। आसन्न चुनाव भी कुछ उसी आधार पर होता नजर आ रहा है। प्रत्याशियों द्वारा प्रचार प्रसार का काम पूरी चरम पर है।

16 पदों के लिये 9 अप्रैल को होना है मतदान :

जिला अधिवक्ता संघ के 16 पदों के लिए आगामी 9 अप्रैल को चुनाव की तिथि निर्धारित है। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव (प्रशासन) , संयुक्त सचिव (लाईब्रेरी), कोषाध्यक्ष, सहायक कोषाध्यक्ष के एक एक पदों के अलावे 9 एग्जीक्यूटिव मेम्बर के पदों के लिये चुनाव होना है। चुनाव हेतु निर्धारित तीन दिनों के नामांकन के दौरान विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया है। जिसमे अध्यक्ष के पद के लिये तीन प्रत्याशी मैदान में है। जिनमे निवर्तमान अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद पांडेय के अलावे प्रकाश सहाय और सुनील कुमार राय मैदान में डटे हैं। जातीय गोलबंदी इस बार के चुनाव में हावी रहेगा या काम के आधार पर मतदान होगा यह तो वक्त ही बतायेगा। हालांकि तीन में दो उम्मीदवारों के बीच घमासान होने के पूरी आसार है। तीसरे उम्मीदवार को वोटरों ने वोटकटवा की श्रेणी में शामिल रखें हैं।

निवर्तमान महासचिव चुन्नुकान्त

महासचिव पद पर कंटक बना है स्वजातीय कांटा :

वंही महासचिव के पद पर आसन्न चुनाव में पांच उम्मीदवार मैदान में हैं। जिनमे निवर्तमान महासचिव चुन्नू कांत के अलावे विनय कुमार उर्फ विनय बक्सी, कामेश्वर प्रसाद यादव, उमेश चन्द्र त्रिवेदी एवं मितेश कुमार सराक शामिल है। इस पद पर जंहा निवर्तमान महासचिव हैट्रिक लगाने की जुगत में है। वंही उनके ही स्वजातीय प्रत्याशी अपने पिता की विरासत को बचाने के लिये एड़ी चोटी एक कर दिया है। सुविज्ञ सूत्रों की माने तो विनय बक्सी के पिता स्व शंकर प्रसाद बक्सी ने जिला अधिवक्ता संघ को एक मुकाम दिलाने में सफल रहे थे। उनके ही महासचिव के कार्यकाल में अधिवक्ता संघ भवन एक ऊंची इमारत बन कर गिरिडीह के अधिवक्ताओं के मान सम्मान को चार चांद लगाया था। उनकी उसी विरासत को सहेजने के लिये विनय बक्सी ने आसन्न चुनाव में कमर कस लिया है। ऐसे में ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो वक्त बतायेगा। हालांकि जानकारों की माने तो गत चुनाव में ही विनय बक्सी चुनावी दंगल में कूदने की तैयारी में थे। लेकिन स्वजातीय दवाब में उन्होंने बीते चुनाव में नहीं कूदे थे। लेकिन आसन्न चुनाव में पूरे दम खम से जुटे है। स्वजातीय वोटरों के साथ साथ अन्य वर्ग के लोगों के कौन कितने चहेते है यह तो चुनाव परिणाम ही बतायेगा। हैट्रिक लगेगी, स्व पिता की विरासत बचेगी या कोई नया चेहरा उभर कर सामने आयेगा। वोटर इसी उहापोह में है। हालांकि महासचिव के पद पर दमदार प्रत्याशी की जीत हो इसी जुगत में वोटर भी जुटे है। चुनाव का परिणाम ही बतायेगा कि वोटरों के पसन्द का दमदार चेहरा आखिर कौन है।

महासचिव पद के प्रत्याशी विनय कुमार उर्फ विनय बक्सी[/caption]

संयुक्त सचिव के दो पद के लिये 7 उम्मीदवार

जिला अधिवक्ता संघ के संयुक्त सचिव के दो पद संयुक्त सचिव (एडमिनिस्ट्रेशन) और संयुक्त सचिव (लाइब्रेरी) के कुल 7 प्रत्याशी मैदान में है। जिनमे संयुक्त सचिव (एडमिनिस्ट्रेशन) के लिये तीन प्रत्याशियों दशरथ प्रसाद, पंचानन्द मुनि और संजय कुमार के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होना तय है।
वंही संयुक्त सचिव (लाइब्रेरी) के पद पर चार प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। जिनमे निवर्तमान पदधारी रहे शिवेन्द्र कुमार सिन्हा के अलावे सुनीता कुमारी उर्फ सुनीता शर्मा, तरुण कुमार कांति और कमलेश्वर प्रसाद नारायण देव शामिल है। इस पद हेतु चुनाव में जनबल पर धनबल हावी होंगे या जनबल की जीत होगी यह तो वक्त बतायेगा। हालांकि इस पद के लिये कांटे के टक्कर के आसार नजर आ रहे हैं।

उपाध्यक्ष के चार प्रत्याशियों में होगा घमासान

उपाध्यक्ष के पद के लिये चार प्रत्याशी मैदान में डटे हैं। जिनमे नित्यानंद प्रसाद, संजीवन कुमार सिन्हा, पारसनाथ सिंह के अलावे निवर्तमान उपाध्यक्ष बालगोविंद साहू शामिल हैं। इस पद के लिये भी कांटे के टक्कर के आसार स्पष्ट नजर आ रहे हैं। इस पद पर भी जंहा दो स्वजातीय प्रत्याशी आपस मे टकरायेंगे वंही तीसरे उम्मीदवार का पलड़ा भारी हो जाने के आसार नजर आएंगे। हालांकि यह चुनाव में जल्दबाजी में कोई बात कह देना अनुचित होगा। लेकिन टक्कर कांटे होगा इसमे तनिक शक की गुंजाइश नही है।

कोषाध्यक्ष पद हेतु 4 और सहायक कोषाध्यक्ष के है तीन उम्मीदवार

चुनावी मैदान में संघ के कोषाध्यक्ष के पद हेतु चार प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। जिनमे उदय कुमार सिन्हा, बिजय कुमार साहा, शिव कुमार गुप्ता और मीरा कुमारी शामिल है। जबकि सहायक कोषाध्यक्ष के पद के निवर्तमान सहायक कोषाध्यक्ष ज्योतिश कुमार सिन्हा के अलावे तुलसी प्रसाद महतो और किशोर कुमार वर्मा किस्मत आजमा रहे हैं। तीनो के बीच कड़े मुकाबले के आसार है। क्योंकि गत चुनाव में ज्योतिश सिन्हा को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। और महज एक मत से चुनाव जीत पाये थे। आसन्न चुनाव में पुनः मुकाबला काफी कड़ा है। ऊंट किस करवट बैठेंगे यह चुनाव परिणाम ही बताएगा।

वंही अधिवक्ता संघ के 9 कार्यकारणी सदस्यों (एक्जीक्यूटिव मेम्बर) के लिये 29 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सभी प्रत्याशी अपने जीत के लिये वोटरों के सिरिश्ता का चक्कर काटते दिख रहे है और उन्हें अपने पक्ष में मतदान करने की अनुरोध करते नजर आ रहे है। बहरहाल अधिवक्ता संघ के चुनाव को लेकर संघ के बाहर के लोगों की भी टकटकी लगी है।

नयी नियमावली के तहत हो रही चुनाव

जिला अधिवक्ता संघ का आसन्न चुनाव नयी नियमावली के तहत हो रही है। जिंसमे अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के लिये 25 वर्षों का प्रैक्टिश एक्सपीरियंस अनिवार्य किया गया है। जबकि अन्य किसी भी पद हेतु कोई एक्सपीरियंस की अनिवार्यता नही है। अर्थात कोई भी अधिवक्ता भले ही वह नया नया ही क्यों न रजिस्ट्रेशन करवाया हो अध्यक्ष को छोड़ अन्य किसी भी पद के लिये चुनाव लड़ सकता हैं। जबकि पूर्व में हर पद के लिये अलग अलग प्रैक्टिश एक्सपीरियंस की अनिवार्यता होती थी। हालांकि यंहा चुनाव मैदान में डटे सभी पदों के प्रत्याशी की प्रैक्टिश एक्सपीरियंस काफी है। चुनाव मैदान में कोई भी नया प्रैक्टिशनर अपनी किस्मत नही आजमा रहा है।

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