उज्ज्वल दुनिया \रांची । ग्रामीण विकास के द्वारा मनरेगा योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा सभी उप विकास आयुक्त एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। अपनी सभा कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों सचिव ग्रामीण विकास विभाग से मुखातिब थे। सचिव ने कही की महत्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना काम आधारित योजना है ,निबंधित मजदूर को काम मांगने का अधिकार है और काम मांगते ही यह कानून क्रियाशील हो जाता है। राज्य सरकार द्वारा राज्य में जरूरतमंद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए माकूल व्यवस्था की गई है। ग्रामीण विकास विभाग झारखण्ड सरकार ने यह जिम्मेवारी सोशल ऑडिट यूनिट को सौंपी ताकि वह काम की मांग मजदूर मंच के माध्यम से करवाएं ।
इस अभियान के तहत 4 लाख मजदूरों ने काम माँगा था ,अब इस अभियान के तहत 16 अगस्त से 16 सितम्बर तक 10 लाख मजदूरों तक पहुँचने का लक्ष्य है ,जिससे झारखण्ड राज्य में अभी की तुलना में दुगुना काम हो पायेगा ,मजदूरों को काम और उत्पादक परिसंपत्ति के निर्माण से झारखण्ड के विकास का सपना सच हो पायेगा ।
इस अभियान के तहत अब तक झारखंड में 4 लाख मजदूरों ने काम मांगा है और उन्हें मनरेगा के तहत काम उपलब्ध करा दिया गया।
समीक्षा के क्रम में नीलाम्बर-पिताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत टीसीबी, फील्ड बण्ड आदि के संबंध में सचिव द्वारा बताया गया कि जल संचयन के लिए यह सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना है। योजना के तहत बरसात के पानी को संरक्षित करना है तथा टीसीबी के माध्यम से भूमि की नमी एवं तरलता को बनाए रखना है। चर्चा के क्रम में बताया गया कि पोटो हो खेल विकास योजना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की गतिविधि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा यह योजना लाई गई है। इस योजना के तहत दिए गए लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु सम्बन्धित पदाधिकारी को उचित दिशा-निर्देश दिए गए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में ये थे शामिल
मनरेगा योजना की प्रगति की समीक्षात्मक बैठक को लेकर ग्रामीण विकास विभाग सचिव श्रीमती आराधना पटनायक की अध्यक्षता में राज्य के तमाम उप विकास आयुक्त संग संपन्न वीडियो कांफ्रेंसिंग में श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी मनरेगा आयुक्त , एमआईएस नोडल ऑफिसर श्री पंकज राणा, व अन्य शामिल थे।