
उज्ज्वल दुनिया
उत्तराखंड में सबसे ज्यादा आबादी राजपूतों की है। इसके बाद नंबर आता है ब्राह्मण बिरादरी का । उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी से लेकर तीरथ सिंह रावत तक सभी मुख्यमंत्री राजपूत या ब्राह्मण ही रहे हैं। लेकिन इस बार भाजपा ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया है। पुष्कर धामी जाट हैं जो उत्तराखंड की जनसंख्या के हिसाब से लगभग नगण्य हैं।
सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत क्या करेंगे?
कुमांऊ के ठाकुर (हरीश रावत) को कुमांऊ के जाट (पुष्कर धामी) से भिड़ाने की जातिगत और क्षेत्रीय राजनीति से ज्यादा कुछ नही है नये सीएम को चुनने का फैसला । लेकिन भाजपा का यह दांव उल्टा पड़ सकता है।
सच ये है कि धामी के बनते ही सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत जैसे नेताओं ने बगावत का बिगुल फूंकना शुरू कर दिया है। ऐसी खबर है कि सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत जैसे रसूखदार मंत्री अब ज्यादा दिन भाजपा में अपमान सहने वाले नहीं हैं। इन दोनों मंत्रियों को कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत से समझौता कराने के प्रयास शुरू हो गये हैं ।
कामचलाऊ मुख्यमंत्री के सहारे विधानसभा चुनाव जीत पाएगी भाजपा?
क्या राजपूत और ब्राह्मणों के राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में धामी बाजी मार ले गए? क्या भाजपा गुजरात मॉडल के तर्ज पर खुद को जातिगत झगड़े से दूर रखने का प्रयास कर रही है ? गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी जैन है । गुजरात में जैन मतदाताओं की संख्या 1% के आसपास है । लेकिन पटेल राजनीति के बीच बेलेंस बिठाते हुए रुपाणी चुनाव दर चुनाव जीत रहे हैं। पुष्कर धामी से भी पार्टी को ऐसी ही उम्मीद होगी ।