
केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हर काम वोट के लिए नहीं होता। सामाजिक बदलाव के लिए भी हमें काम करना चाहिए। उन्होने कहा कि उनके मंत्री बनने की एकमात्र उपलब्धि यह रही कि आज देश के सभी प्रमुख शहरों में ट्राइफेड के शो-रुम्स खुल चुके हैं। उनमें आदिवासी समुदाय के बनाए सामानों की बिक्री हो रही है। हमें जनजातिय समाज में इंटरप्रेनरशीप डेवलप करना है। वे रायपुर के दो दिवसीय दौरे के दौरान ट्राइफेड के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे ।
दिल्ली के चांदनी चौक पर एसी शोरूम में बिक रहा है आदिवासियों का बनाया सामान
अर्जुन मुंडा ने कहा कि ट्राईफेड विभिन्न पहलुओं में जनजातीय समुदाय के जीवन और आजीविका में सुधार लाने के लिए कार्यरत है। राज्य के जनजातीय समुदाय को लाभ प्रदान करने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता, केंद्रीकृत विपणन एवं रणनीतिक ब्रांडिंग को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य की पूर्ति ट्राइब्स इंडिया के इन बिक्री केन्द्रों और ई-प्लेटफॉर्म्स का विस्तृत तंत्र करता है। उन्होने कहा कि आज मुझे अत्यंत खुशी हो रही है। चांदनी चौक क्षेत्र में भी एक और ट्राइब्स इंडिया शोरूम का उद्घाटन किया जाएगा।

आदिवासियों के 3600 से ज्यादा स्वयंसहायता समूह
केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पिछले दो वर्ष में, ट्राईफेड ने जनजातीय क्षेत्रों में 39,614 वन धन स्वयं सहायता समूह स्वीकृत किए हैं। इन वन धन स्वयं सहायता समूहों को 2,389 वन धन विकास केंद्र समूहों में शामिल किया गया है। इसके साथ ही लक्षित 10 लाख जनजातीय परिवारों में से 7.11 लाख जनजातीय वन संग्रहकर्ताओं को कार्यक्रम के तहत जोड़ा जा रहा है।