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हम आदिवासी हैं, हमें धर्म के आधार पर न बांटें

कर्नाटक और जम्मू कश्मीर में कई ऐसी जातियां हैं जो मुस्लिम होते हुए भी आदिवासी
कर्नाटक और जम्मू कश्मीर में कई ऐसी जातियां हैं जो मुस्लिम होते हुए भी आदिवासी हैं

रांची। विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरावं ने कहा कि आज देशभर में आदिवासियों को धर्म के नाम पर  बांटने की कोशिश की जा रही है। यह कोशिश किस राजनीतिक दल की ओर से की जा रही है, यह सभी लोग जानते हैं । उन्होंने कहा कि उक्त विशेष राजनीतिक दल द्वारा आदिवासी समाज को कभी सनातन के नाम पर ,तो कभी सरना के नाम पर बांटने की कोशिश  की जाती है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर आदिवासी समाज को बांटा जाना अनुचित है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक और जम्मू कश्मीर में कई ऐसी जातियां हैं जो मुस्लिम होते हुए भी आदिवासी है।

डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि धर्म के चक्कर में लोग नहीं पड़े, मूल से जो आदिवासी है, वह भविष्य में भी आदिवासी रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वनों में रहने वाले आदिवासियों को कई अधिकार दिए, लेकिन भाजपा शासित राज्यों में आदिवासी समाज का समुचित विकास नहीं हो पाया , परंतु  अब राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आदिवासी समाज के विकास और उनके आर्थिक सामाजिक विकास के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में ही वन अधिकार कानून लागू हुआ जिसके माध्यम से जंगल में रहने वाले आदिवासियों को 10 एकड़ तक की जमीन पट्टे पर दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज व्यवस्था में पेसा कानून के तहत परंपरागत ग्राम प्रधान व्यवस्था को भी लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि शिड्यूलड एरिया में कोई भी किसी का जमीन नहीं छीन सकता है ,लेकिन इसके बावजूद कुछ कम पढ़े लिखे अधिकारियों द्वारा भूमि अधिग्रहण की कोशिश की जाती है लेकिन यदि लोग जमीन नहीं देना चाहते हैं तो किसी भी कीमत पर इस तरह की जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि संविधान की पांचवी और छठी अनुसूची में शिड्यूल एरिया क्षेत्र के लोगों को कई विशेष अधिकार दिए गए हैं और राज्य सरकार उन अधिकारों के माध्यम से आदिवासी समाज के विकास में ड्यूटी है।

शिड्यूलड एरिया में कोई भी किसी का जमीन नहीं छीन सकता
शिड्यूलड एरिया में कोई भी किसी का जमीन नहीं छीन सकता

इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विकास जरूरी है लेकिन सभ्यता संस्कृति और परंपरा कैसे बरकरार रहे , इस पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है उन्होंने कहा कि आज यह संकल्प लेने का दिन है कि जनजाति समाज का कैसे सर्वांगीण विकास हो। उन्होंने कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य हैं और यह संविधान की पांचवी अनुसूची में आता है। इस क्षेत्र के जनजाति  समाज का विकास कैसे हो इसके लिए योजनाओं को क्रियान्वित करने की जरूरत है।

इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर रामेश्वर के नेतृत्व में राज्य में आदिवासी समाज को संगठन से जोड़ने की दिशा में लगातार काम हो रहा है, वहीं वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री के रूप में भी डॉक्टर रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में
आदिवासी समाज के विकास और आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है ।

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