लोकसभा में 12 घंटे की बहस के बाद वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2025 पारित, सुल्ताना बेगम ने उठाए वक़्फ़ बोर्ड पर सवाल
हावड़ा: लोकसभा में 12 घंटे लंबी बहस के बाद वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि यह कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक प्रथाओं को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन इस पर विवाद जारी है।
विपक्ष का आरोप है कि “अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों पर हमला किया जा रहा है”। वहीं, इस बहस के बीच बहादुर शाह ज़फ़र की परपोती सुल्ताना बेगम ने वक़्फ़ बोर्ड को लेकर एक अलग राय व्यक्त की।
सुल्ताना बेगम का बड़ा बयान
🔹 “वक़्फ़ संपत्ति का आम मुस्लिमों को कोई फायदा नहीं हुआ। यह उनकी ज़िंदगी नहीं बदल सकती। अगर यह सरकार के अधीन रहे, तो कम से कम पारदर्शिता रहेगी। अगर वक़्फ़ संपत्ति आम मुसलमानों के काम नहीं आ रही, तो इसकी कोई कीमत नहीं है।”
🔹 “वक़्फ़ बोर्ड केवल कुछ लोगों के हित साधने के लिए है, आम मुसलमानों के लिए नहीं। अगर सरकार इसकी ज़िम्मेदारी ले, तो पारदर्शिता और जवाबदेही होगी।”
क्या ताज महल वक़्फ़ संपत्ति है?
इस विधेयक के बीच ताज महल की स्वामित्व को लेकर एक नई बहस भी शुरू हो गई है। कुछ संगठनों का दावा है कि ताज महल वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति है और इसे मुस्लिम समुदाय के नियंत्रण में होना चाहिए।
इस पर सुल्ताना बेगम ने कहा:
📌 “अगर ताज महल वक़्फ़ संपत्ति है, तो इसके दस्तावेज़ कहां हैं? मैं उन्हें देखना चाहती हूं। अगर यह वाकई वक़्फ़ संपत्ति है, तो मैं इसे वक़्फ़ बोर्ड को दान करने के लिए तैयार हूं—लेकिन पहले दस्तावेज़ तो दिखाएं।”
वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर विवाद जारी
🔸 लोकसभा में पास होने के बाद यह विधेयक अब राज्यसभा में पेश किया गया है।
🔸 सरकार को भरोसा है कि बहुमत के चलते यह विधेयक राज्यसभा से भी पारित हो जाएगा।
🔸 हालांकि, सुल्ताना बेगम के बयान ने इस मुद्दे को एक नए विवाद का रूप दे दिया है और वक़्फ़ बोर्ड की भूमिका को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।