गया। परैया प्रखंड मुख्यालय से मात्र ढाई किलोमीटर दूर विशुनपुर गांव में विकास की किरण नही पहुची है। गांव के गलियों की स्थिति नारकीय है और नालियों का निर्माण नही होने के कारण बरसात का पानी गांव में जमा रहकर सड़ांध पैदा कर रही है। हालत यह है कि गांव के स्कूल तक जाने के लिए भी पक्का रास्ता नही है। गांव वाले बताते हैं कि बारिश होने के बाद घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को काफी परेशानी होती है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के किसी घर मे सरकार द्वारा जारी शौचालय निर्माण का लाभ नही मिल पाया है। गरीबों के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ नही मिल पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण नही होने के कारण बड़ी कठिनाई होती है। नल जल योजना की पहुच यहाँ तक नही है। जिसके कारण पेयजल के लिए गांव में रहे इक्के दुक्के चापाकल ही सहारा है।
इस गांव के लोग अपनी बेवसी के लिए स्थानीय मुखिया को जिम्मेवार ठहराते हैं। इस गांव की हालत पर जब स्थानीय मुखिया रामजी यादव की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गयी तो उन्होंने बताया कि सरकारी जमीन नही है इसलिए स्कूल तक जाने का रास्ता नही बन सका है। अन्य सवालों को वे टालते ही नज़र आये जबकि उन्होंने स्वीकार किया कि नल जल योजना का काम उक्त गांव में नही हुआ है।