कोरोना वायरस वैक्सीन की खुराकें सबसे ज्यादा झारखंड में खराब हुई हैं। झारखंड में टीकों की 33.95 फीसदी बर्बादी हुई है। छत्तीसगढ़ में 15.79 फीसदी टीके बेकार गए। केन्द्र सरकार ने मई महीने में वैक्सीन की बर्बादी पर यह रिपोर्ट जारी की है। इससे पहले अप्रैल महीने में भी वैक्सीन की बर्बादी में झारखंड को नंबर वन दिखाया गया था। हालांकि हंगामे के बाद उस रिपोर्ट में संशोधन कर दोबारा जारी किया गया ।
केरल और बंगाल में वैक्सीन की बर्बादी नाकारात्मक कैसे ?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केरल में कोविड रोधी वैक्सीन की बर्बादी का आंकड़ा नकारात्मक 6.37 फीसद रहा जबकि पश्चिम बंगाल में नकारात्मक 5.48 दर्ज किया गया है। बता दें कि कोविड रोधी वैक्सीन की बर्बादी का आंकड़ा नकारात्मक होने का मतलब है कि हर शीशी में मौजूद अतिरिक्त खुराक का भी पूरा इस्तेमाल कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ में 15.79 फीसद जबकि मध्य प्रदेश में 7.35 फीसद कोविड रोधी वैक्सीन बर्बाद हुई।
झारखंड के खिलाफ केन्द्र का कुचक्र- कांग्रेस
झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की बर्बादी को लेकर जारी मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से आधारहीन
और तथ्यों से परे है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने भी इसी तरह से झारखंड को बदनाम करने की कोशिश को लेकर एक रिपोर्ट आधी अधूरी रिपोर्ट जारी की गयी थी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा आंकड़ों और तथ्यों के साथ पूरी तरह से बात रखने के बाद उसे वापस ले लिया गया था। अब इसी तरह से एक बार फिर मई महीने की कथित रिपोर्ट को लेकर झारखंड को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।