नई दिल्ली: अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की वार्षिक रिपोर्ट पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को जारी रिपोर्ट में USCIRF ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों और भेदभाव में वृद्धि का आरोप लगाया और अमेरिका सरकार से भारत को ‘विशेष चिंता वाला देश’ (CPC) घोषित करने की सिफारिश की।
नई दिल्ली ने इस रिपोर्ट को ‘पक्षपाती और राजनीतिक रूप से प्रेरित’ बताते हुए कहा कि यह भारत की लोकतांत्रिक और बहुसांस्कृतिक छवि को कमजोर करने का एक सुनियोजित प्रयास है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा,
“USCIRF की लगातार भारत की छवि को खराब करने की कोशिश उसके पूर्व निर्धारित एजेंडे को दर्शाती है, न कि धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर किसी वास्तविक चिंता को। भारत की 1.4 अरब आबादी विभिन्न धर्मों के अनुयायियों से बनी है, जो एक बहुलतावादी ढांचे में सौहार्दपूर्ण ढंग से रहते हैं।”
रिपोर्ट में अमेरिका सरकार से भारत पर लक्षित प्रतिबंध लगाने, कुछ व्यक्तियों और संस्थानों की संपत्तियां फ्रीज करने और MQ-9B ड्रोन जैसे सैन्य सौदों की समीक्षा करने की भी सिफारिश की गई है।
USCIRF ने भारत में आतंकवाद और वित्तीय अपराधों से जुड़े कानूनों—जैसे UAPA और FCRA—का इस्तेमाल नागरिक संगठनों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के खिलाफ करने का भी आरोप लगाया है।
विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि USCIRF को खुद ‘चिंता का विषय’ (entity of concern) घोषित किया जाना चाहिए।