Tuesday 1st of July 2025 12:41:10 PM
HomeBreaking Newsतुपुदाना क्षेत्र: राजधानी रांची का तेजी से उभरता अवैध कारोबार हब

तुपुदाना क्षेत्र: राजधानी रांची का तेजी से उभरता अवैध कारोबार हब

राजधानी रांची के तुपुदाना क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से अवैध गतिविधियों का अड्डा बन चुका है। स्थानीय थाने के कथित सांठगांठ से माफिया विभिन्न अवैध कारोबारों को धड़ल्ले से संचालित कर रहे हैं। इनमें अवैध खनन, बालू माफिया, जुआ अड्डे, नकली शराब निर्माण, ब्राउन शुगर, अफीम की खेती और अन्य गोरखधंधे शामिल हैं।


अवैध क्रशर संचालन

  • खनन विभाग और पुलिस की अनदेखी: तुपुदाना क्षेत्र में कई अवैध क्रशर संचालित हैं।
  • उग्रवादी संगठन पीएलएफआई की वसूली: उग्रवादी संगठन क्रशर व्यवसायियों से हर महीने 5,000 से 10,000 रुपये तक लेवी वसूलता है। बड़े व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों से 20,000 से 50,000 रुपये तक की वसूली की जाती है।
  • थाने की कथित भूमिका: क्रशर कारोबारियों और माफियाओं द्वारा पुलिस को भी हिस्सा दिया जाता है, जिसके बदले कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

जुआ अड्डे का संचालन

  • क्षेत्र में शतरंजी बाजार जैसे स्थानों पर बड़े पैमाने पर जुआ संचालित होता है।
  • हब्बा डब्बा खेल: खुलेआम जुए के खेल होते हैं, जिनमें पुलिस द्वारा कथित वसूली की जाती है।

नकली शराब का कारोबार

  • स्प्रिट से नकली शराब निर्माण: माफिया अपने कांटेक्ट से स्प्रिट मंगाकर नकली शराब तैयार करते हैं।
  • फर्जी रैपर: महंगे ब्रांड के रैपर लगाकर होटलों, ढाबों और बिहार तक सप्लाई की जाती है।
  • सस्ते में लोकल बिक्री: नकली शराब को सस्ते में ‘डिफेंस दारू’ बताकर बेचा जाता है।

प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा चिंता

  • तुपुदाना क्षेत्र में अवैध कारोबार न केवल स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि उग्रवादी संगठनों की आर्थिक मजबूती का भी कारण बन रहा है।
  • जनता की अपील: स्थानीय लोग अवैध गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

सुझाव और आवश्यक कार्रवाई

  1. अवैध क्रशरों की जांच: खनन विभाग और पुलिस को संयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए।
  2. जुआ अड्डों पर छापेमारी: नियमित निगरानी और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता।
  3. नकली शराब की तस्करी रोकना: सप्लाई चेन की जांच और नकली शराब की फैक्ट्रियों को बंद किया जाए।
  4. उग्रवादी लेवी पर अंकुश: सुरक्षा बलों द्वारा पीएलएफआई के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाए।

क्या आपको लगता है कि इस मामले पर जन जागरूकता अभियान या मीडिया का दबाव प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर कर सकता है?

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments