उज्ज्वल दुनिया, हजारीबाग(अजय निराला)। हजारीबाग जिला पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिला बल और कोबरा 22 बटालियन के संयुक्त ऑपरेशन में दो महिलाएं समेत तीन नक्सलियों ने गुरुवार को जिला और पुलिस प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस ने तीनों नक्सलियों को बुके देकर सम्मानित किया और समाज की मुख्यधारा में लौटने का स्वागत किया।
इनमें एक महिला नक्सली उषा किस्कु उर्फ फूलमणी उर्फ उषा संथाली पर एक लाख का इनाम घोषित था। उसे इनाम का चेक समर्पित किया गया।
सरेंडर करने वाले में एक लाख की इनामी नक्सली उषा किस्कु उर्फ फूलमणी उर्फ उषा संथाली, नागेश्वर गंझू और सरिता सोरेन शामिल हैं।
जिले के पुलिस कप्तान कार्तिक एस ने बताया कि पुलिस के लिए यह बड़ी कामयाबी है।
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्निवास नीति नई दिशा-एक नई पहल से प्रेरित होकर तीनों माओवादियों ने सरेंडर किया।
उषा किस्कु(27), पिता: चेतो मांझी, हजारीबाग के आंगो स्थित डुकरू हरली टोला वर्ष 2009 से सक्रिय माओवादी रही है।
इस पर हजारीबाग और चतरा में छह मामले दर्ज हैं।
साथ ही झारखंड के विभिन्न जिलों में कई नक्सली कांडों में इसका नाम है। इस पर एक लाख का इनाम घोषित था।
वहीं सरिता सोरेन उर्फ ममता संथाली (19), पिता: अर्जुन सोरेन हजारीबाग के आंगो स्थित डुकरू हरली टोला निवासी है।
हजारीबाग, चतरा और बोकारो में कई नक्सली कांडों में संलिप्त रही है।
वह वर्ष 2015 से माओवादी संगठन में सक्रिय रही है। हजारीबाग और चतरा में कुल पांच मामले दर्ज हैं।
नागेश्वर गंझू (38), पिता: बनौदी गंझू चतरा के सिमरिया स्थित दूधमटिया का रहनेवाला है। उसका एक घर हजारीबाग के बड़कागांव स्थित हेसाबार में भी है।
वह 2018 से माआवोदी संगठन में हजारीबाग, चतरा और बोकारो में सक्रिय रहा। हजारीबाग में उस पर दो नक्सल कांड दर्ज हैं।
झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्निवास नीति नई दिशा-एक नई पहल के तहत प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के तीन सक्रिय सदस्यों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की ओर से एक लाख रुपए समेत कई सुविधाएं दी जाएंगी।
तीनों नक्सलियों ने डीसी आदित्य आनंद, एसडीओ विद्याभूषण प्रसाद, सीआरपीएफ कोबरा 22 बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक अभियान आदि के समक्ष आत्मसमर्पण किया।