महागामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने राज्य की नौकरशाही के रवैये पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं । उन्होने IAS अफसरों द्वारा बार-बार विधायिका की अवहेलना का मामला उठाया है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि ऐसा लगता है कि झारखंड की नौकरशाही को किसी की परवाह नहीं ।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, चांडिल डैम से प्रभावित विस्थापितों के अनुदान मुआवजा हेतु राशि आवंटन उपलब्ध कराने के संबंध में ईचागढ़ विधायक सविता महतो रांची के नेपाल हाउस में जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपने पहुंची थी। अपने ज्ञापन में उन्होने विस्थापितों के पुनर्वास भुगतान के मुआवजा के लिए 70 कोरोड़ रुपये की राशि की मांग की। लेकिन जब विधायक सविता महतो ज्ञापन सौंप रही थीं, तब उस वक्त जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार अपनी कुर्सी पर बैठे रहे। यही बात महागामा की कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह को खटक गई ।
चांडिल डैम से प्रभावित विस्थापितों के अनुदान मुआवजा हेतु राशि आवंटन उपलब्ध कराने के संबंध में रांची नेपाल हाउस में जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार से मिलकर ज्ञापन सौपा और विस्थापितों के पुनर्वास भुगतान के मुआवजा के लिए 70 कोरोड़ की राशि का मांग किया।@HemantSorenJMM pic.twitter.com/YOXr1EY938
— Sabita Mahato (@sabitamahatoJMM) August 20, 2021
महिला के साथ सामान्य शिष्टाचार का भी ख्याल नहीं ?
दीपिका पांडे सिंह ने अंग्रेजी में अपने ट्वीट में लिखा है कि एक विनम्र महिला सविता महतो जी जनता के काम से चलकर आई हैं। वे खुद खड़ी हैं, लेकिन जनता के पैसों की सैलरी लेने वाले खड़े होने तक की जरुरत नहीं समझते। भगवान बचाए हमारे राज्य को इन जैसे नौकरशाहों से ।
A humble lady&elected representative @sabitamahatoJMM ji ..God save our State from such bureaucrats who don’t bother to stand up whereas Ministers do ,esp when a lady infront @HemantSorenJMM @MithileshJMM @SitaSorenMLA @Jagarnathji_mla @purnimaasingh @MLARamgarh @AmbaPrasadINC https://t.co/nf6sP0mm8F
— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) August 23, 2021