चाईबासा/रांची। हमें सामाजिक सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर विकास की यात्रा को तय करना है। झारखण्ड के उद्योग का लाभ राज्यवासियों को भी मिले, इसके लिए कार्य होने चाहिए। क्षेत्र में लगने वाले उद्योग वहां के ग्रामीणों का ध्यान रखेंगे तो ग्रामीण भी अवश्य उनके लिए सदैव तत्पर रहेंगे। आज एसीसी सीमेंट कंपनी के द्वारा स्थानीय लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया। यह सुखद क्षण है, इससे पूर्व 2013 में नियुक्ति पत्र वितरित किया गया था। इस क्षेत्र में बड़े उद्योग आ रहें हैं। स्टील उद्योग स्थापित होने की प्रक्रिया में है। इससे भी क्षेत्र में रोजगार का सृजन होगा। अब सब चीजों को नया स्वरूप देने की कोशिश की जा रही है। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। श्री सोरेन चाईबासा के पिल्लई सभागार में विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास और परिसंपत्तियों के वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मिलने लगा रैयतों को सम्मान
एसीसी सीमेंट कंपनी वर्ष 1946 से पश्चिमी सिंहभूम में कार्यरत है। कंपनी द्वारा पूर्व में सरकार के माध्यम से चूना पत्थर खनन के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था। उक्त समय में भूमि अधिग्रहण करते हुए मुआवजे के अलावा योग्य भूमि मालिकों को कंपनी द्वारा नौकरी दी गई थी परंतु कुछ रैयतों के द्वारा पुराने भू-अर्जन से संबंधित मामला को लेकर नौकरी का दावा किया गया। मामले पर संज्ञान लेते हुए रैयतों के दावे के आलोक में राज्य सरकार ने कंपनी प्रतिनिधियों, दोकट्टा, कोन्दोवा, रजंका, ग्राम मुंडा, मानकी, ग्राम प्रतिनिधियों से वार्ता कर हुए भू-अर्जन से संबंधित सभी मामलों का स्थाई निदान किया गया। जिसके तहत स्थापना के समय से लेकर अब तक के सभी मामलों में एकमुश्त योजना के रूप में 45 लोगों को नौकरी देने की सहमति बनी और कंपनी के रोजगार नीति के अनुसार परिवार के योग्य सदस्य को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। सभी 45 नियुक्तियों की जॉइनिंग F3 माइंस के सफल अधिग्रहण एवं खनन कार्यों के शुरू होने के पश्चात दी जाएगी। तत्काल सभी 45 व्यक्तियों को कंपनी के द्वारा औपबंधिक नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री के माध्यम से वितरण किया गया।
आवागमन हेतु सड़क निर्माण का कार्य होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड खनिजों से भरा राज्य है। राज्य की कई सड़कें नेशनल हाईवे में चली गई हैं, जो भारत सरकार के अधीन हैं, इन सड़कों के निर्माण में स्वीकृति लेने में समय लगता है। जल्द से जल्द इसकी स्वीकृति कराई जाएगी। चाईबासा-हाट गम्हरिया पथ निर्माण हेतु 250 करोड़ रुपये का डीपीआर भेजा गया है। फिलहाल तीन करोड़ की लागत से उक्त सड़क को दुरुस्त किया जाएगा। चाईबासा में बाईपास सड़क निर्माण का प्रस्ताव आया हुआ है। यह भी एनएच द्वारा बनना है। भूमि अधिग्रहण व मुआवजे की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसका निर्माण कार्य वर्ष 2021 में शुरू होने की संभावना है। हल्दिया पोर्ट तक के लिए एक्सप्रेस हाईवे साथ ही, सभी जिलों में बाईपास निर्माण का प्रस्ताव है, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा।