चंडीगढ़: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने रविवार को कहा कि विपक्ष लंबे समय से सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है, ताकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता का स्पष्ट संदेश पूरी दुनिया को दिया जा सके।
पायलट ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार को जो समर्थन मिला है, वह अभूतपूर्व और बिना शर्त है। उन्होंने कहा, अगर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाता, तो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एकजुट स्वर में बात होती और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की स्पष्ट और मजबूती से भरी आवाज़ सुनाई देती।
उन्होंने कहा, “हमने विशेष सत्र की मांग इसलिए की ताकि दुनिया को एक संदेश जाए कि भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए पूरा देश एक साथ खड़ा है।”
संसद सत्र और वैश्विक कूटनीति:
सचिन पायलट ने कहा कि जो बहु-पक्षीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल फिलहाल दुनिया के विभिन्न देशों में भारत के रुख को रखने गया है, वह और अधिक प्रभावी होता अगर विशेष सत्र पहले बुलाया गया होता।
उन्होंने ‘जय हिंद सभा’ के दौरान यह बात कही, जिसे कांग्रेस पूरे देश में सैन्य बलों की वीरता को सम्मान देने के लिए आयोजित कर रही है।
सरकारी नेताओं की टिप्पणियों पर तीखा हमला:
पायलट ने भाजपा नेताओं विजय शाह और राम चंदर जांगड़ा की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि इन नेताओं ने शहीदों और पीड़ितों के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा ऐसे नेताओं पर कोई कार्रवाई करेगी।
जांगड़ा ने कहा था कि अगर पीड़ित पर्यटक ‘अग्निवीर’ प्रशिक्षण लेते, तो नुकसान कम होता और महिलाओं को ‘वीरांगना’ की तरह जवाब देना चाहिए था।
ट्रंप के बयान और पाकिस्तान पर सवाल:
पायलट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को व्यापार के जरिए सुलझाया, लेकिन भारत सरकार की ओर से इस पर कोई स्पष्ट खंडन नहीं आया।
उन्होंने पूछा कि क्या पाकिस्तान से कोई ठोस आश्वासन मिला है कि भविष्य में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम नहीं दिया जाएगा? और अगर संघर्षविराम हुआ है, तो इसे सरकार को उच्च स्तर पर स्पष्ट करना चाहिए।
पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने की जरूरत:
सचिन पायलट ने कहा कि भारत को राजनयिक और वैकल्पिक चैनलों के जरिए पाकिस्तान को और ज्यादा बेनकाब करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद का राज्य प्रायोजक बना हुआ है और ISI तथा पाकिस्तान सेना इसका संचालन करती है।
उन्होंने अफसोस जताया कि रूस जैसे पुराने सहयोगियों ने इस बार खुलकर भारत का समर्थन नहीं किया, जबकि चीन ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया। पायलट ने ज़ोर दिया कि भारत को और अधिक प्रभावी कूटनीति अपनानी होगी।