सीतापुर: पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, क्योंकि हमला एक ऐसे स्थान पर किया गया जहाँ दृश्यता कम थी। हाईवे के पुल के ढलान पर हुए इस हमले को राहगीरों द्वारा देख पाना लगभग असंभव था।
हमलावरों ने पूरी योजना के साथ स्थान चुना और बेहद नजदीक से गोली मारी। पुलिस के अनुसार, पहली गोली सीधे उनके चेहरे पर मारी गई, दूसरी उनके मुँह में लगी, और जब तीसरी गोली चलाई गई तो संभवतः उन्होंने अपना हाथ उठाया, जिससे वह गोली उनके हाथ में लगी।
जांच में आई तेजी
आईजी प्रशांत कुमार ने पीड़ित के परिवार से मुलाकात कर आश्वासन दिया कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इमिलिया सुल्तानपुर थाना पुलिस ने लगभग आठ संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनमें दो लेखपाल भी शामिल हैं। हालाँकि, पुलिस अधिकारी इस पर कोई खुलासा नहीं कर रहे हैं। हमलावरों द्वारा अपनाई गई रणनीति से यह आशंका बढ़ गई है कि इस हत्या में पेशेवर अपराधियों का हाथ हो सकता है।
परिवार और पत्रकार संगठनों में आक्रोश
जिले के पत्रकार संगठनों ने पीड़ित परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की और हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। महोली विधायक शशांक त्रिवेदी और कई अन्य नेता भी जिला अस्पताल पहुँचे और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की।
तहसीलदार की संदिग्ध कॉल
राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या से कुछ समय पहले तहसीलदार ने उन्हें फोन कर बुलाया था। परिवार के अनुसार, वह घर पर थे जब उन्हें तहसीलदार का कॉल आया और इसके बाद वे मिलने के लिए निकल पड़े। कुछ देर बाद ही उनकी हत्या की खबर आई। तहसीलदार ने उन्हें क्यों बुलाया था, यह अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना के दूसरे दिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और यूपी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस परिवार के साथ खड़ी है और अगर जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।